शेर और बंदर की कहानी | Animal Story | Hindi Story

शेर और बंदर की कहानी भाग 1: जंगल में दोस्ती का प्रारंभ

शेर और बंदर की कहानी– एक समय की बात है, एक घने और हरे-भरे जंगल के बीचों-बीच, जहाँ विभिन्न प्रकार के जानवर रहते थे। इस जंगल का राजा एक शक्तिशाली और साहसी शेर था, जिसका नाम राजा था। उसका रौब और शक्ति जंगल के कोने-कोने में प्रसिद्ध था। उसकी एक ही गर्जना से पूरा जंगल काँप उठता, और कोई भी जानवर उसके सामने आने की हिम्मत नहीं करता था। राजा की शक्ति और शासन ने उसे जंगल का निडर और अद्वितीय शासक बना दिया था।

लेकिन राजा शेर जितना शक्तिशाली था, उतना ही अपने क्रोध के लिए भी जाना जाता था। जब उसे भूख लगती, तो वह जंगल में घूमता और शिकार की तलाश में निकल जाता। शेर के पास ताकत तो खूब थी, पर वह चतुराई और धैर्य से वंचित था, जिसके कारण उसे कभी-कभी शिकार करने में कठिनाई होती थी। इस कारण उसे कभी-कभी अपनी भूख मिटाने में परेशानी होती थी।(शेर और बंदर की कहानी)

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हेलो दोस्तो ! आपका इस वेबसाइट में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – "शेर और बंदर की कहानी" | Hindi Kahani | हिंदी कहानी | Hindi Story" यह एक Motivational Story है। अगर आपको Hindi KahaniShort Story in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

इसी जंगल में एक बंदर भी रहता था, जिसका नाम मिंकी था। मिंकी का शरीर छोटा और कमजोर था, पर उसकी बुद्धि और चालाकी पूरे जंगल में मशहूर थी। वह हमेशा किसी न किसी तरह की तरकीबें सोचता रहता था ताकि जंगल के खतरों से बच सके। मिंकी शेर से डरता था, पर उसकी बुद्धि उसे हमेशा सुरक्षित रास्ता दिखाती थी।(शेर और बंदर की कहानी)

एक दिन, जब सूरज अपने शिखर पर था और जंगल में गर्मी का मौसम था, राजा शेर को जोर की भूख लगी। वह दिन भर शिकार की तलाश में घूमता रहा, पर उसकी ताकत के बावजूद उसे कोई शिकार नहीं मिला। उसके पांव भारी होने लगे और भूख ने उसे और भी चिढ़चिढ़ा बना दिया।

तभी पेड़ों की ऊंचाई से मिंकी शेर को देख रहा था। मिंकी ने शेर की हालत देखी और सोचा, “यह समय है कि मैं अपनी बुद्धिमानी का इस्तेमाल करूं। अगर मैंने शेर की मदद की, तो शायद वह मुझे नहीं खाएगा।” मिंकी समझ चुका था कि शेर की भूख उसे और अधिक आक्रामक बना रही थी, इसलिए उसने खुद को बचाने के लिए एक योजना बनाई।

मिंकी धीरे-धीरे पेड़ से उतरा और राजा शेर के पास गया। शेर ने उसे आते देखा, और उसके दिल में एक विचार आया, “शायद मैं इस छोटे बंदर को खाकर अपनी भूख मिटा सकता हूँ।” उसकी आँखें मिंकी पर टिकी रहीं, लेकिन इससे पहले कि वह मिंकी पर हमला करता, मिंकी ने हाथ जोड़कर कहा, “हे राजा शेर, मैं आपकी ताकत और पराक्रम का सम्मान करता हूँ। लेकिन मैं यहाँ अपने जीवन की भीख मांगने नहीं आया हूँ। मैं आपके लिए एक प्रस्ताव लेकर आया हूँ, जिससे न केवल आपकी भूख मिट जाएगी, बल्कि आपको शिकार करने में कोई कठिनाई भी नहीं होगी।”(शेर और बंदर की कहानी)

शेर ने चौंककर पूछा, “तुम्हें क्या लगता है, तुम छोटे बंदर, कि तुम मुझे सिखा सकते हो कि कैसे शिकार करना है?”

मिंकी ने झुककर जवाब दिया, “महाराज, मैं आपको शिकार करना नहीं सिखा सकता, लेकिन मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। मेरे पास बुद्धिमत्ता है और आपके पास ताकत। यदि हम एक साथ काम करें, तो आपको शिकार में आसानी होगी और मैं भी सुरक्षित रहूँगा।”

शेर थोड़ी देर सोच में पड़ा, फिर गंभीर आवाज में बोला, ‘तुम कहना क्या चाहते हो?

मिंकी ने समझाते हुए कहा, “हे राजा, जंगल में बहुत से छोटे-छोटे जानवर हैं जो आपके शिकार बनने के लिए तैयार हैं। लेकिन वे बहुत चालाक होते हैं और आपसे दूर भाग जाते हैं। मैं जानता हूँ कि उन्हें कैसे पकड़ना है। अगर आप मेरी बुद्धिमानी का सहारा लें, तो हम दोनों को लाभ होगा।”

शेर, जो अब भूख के कारण थक चुका था, सोचने लगा कि शायद मिंकी की बात में कुछ दम है। उसने कभी इस तरह से नहीं सोचा था कि कोई छोटा जीव उसकी मदद कर सकता है। वह सोचने लगा, “यह छोटा बंदर शायद मेरी मदद कर सकता है। मैं उसे मारने के बजाय उसकी योजना आजमाता हूँ। अगर यह काम करती है, तो मुझे आसानी से शिकार मिलेगा।”

शेर ने मिंकी की ओर देखते हुए कहा, “ठीक है, बंदर। मुझे बताओ कि तुम्हारी योजना क्या है। अगर यह सफल होती है, तो तुम्हें इनाम मिलेगा, लेकिन अगर यह असफल हुई, तो तुम मेरी भोजन बनोगे।”

मिंकी ने शेर की आँखों में आत्मविश्वास से देखा और बोला, “महाराज, आप चिंता न करें। मैं आपको निराश नहीं करूंगा।”

अगले ही पल मिंकी ने शेर को एक खास जगह पर चलने के लिए कहा, जहाँ वह अक्सर छोटे जानवरों को इकट्ठा होते हुए देखता था। मिंकी ने बताया कि वहाँ खरगोश, हिरण, और अन्य छोटे जानवरों का एक झुंड अक्सर पानी पीने आता है, और यह जगह शेर के शिकार के लिए एकदम सही है। उसने शेर को सलाह दी कि वह वहाँ छिपकर रहे, और बाकी का काम वह खुद करेगा।(शेर और बंदर की कहानी)

शेर, जो अब मिंकी की बातों से प्रभावित हो चुका था, मिंकी के साथ उस स्थान पर चल पड़ा। दोनों ने मिलकर योजना बनाई कि शेर एक घने झाड़ी के पीछे छिपकर इंतजार करेगा, जबकि मिंकी अपने तरीके से जानवरों को वहां लाएगा।

मिंकी की योजना में एक खास बात थी – वह छोटे जानवरों को धोखा देकर उन्हें शेर की ओर लाने का तरीका जानता था। उसने एक पेड़ पर चढ़कर शेर के छिपने के बाद छोटे जानवरों के झुंड के पास पहुंचा और उन्हें हंसाते हुए कहा, “अरे दोस्तों, मैंने सुना है कि आज शेर जंगल के दूसरे कोने में गया है। आज का दिन एकदम सुरक्षित है, हम सब पानी पी सकते हैं और मजे कर सकते हैं।”

छोटे जानवर मिंकी की बातों में आ गए। वे निश्चिंत होकर पानी पीने के लिए उस जगह आने लगे जहाँ शेर छिपा हुआ था। जैसे ही वे पास आए, शेर ने बिजली की गति से छलांग लगाई और एक झटके में एक हिरण को पकड़ लिया।

शेर को इतने आराम से शिकार पाकर बहुत खुशी हुई। उसने मिंकी की ओर देखा और उसे धन्यवाद दिया।

मिंकी ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, अगर आप मेरी तरह चतुराई से काम लें, तो आपको कभी भूखा नहीं रहना पड़ेगा। मैं हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार हूँ, अगर आप मुझे नुकसान न पहुँचाएँ।”

शेर ने मिंकी की बात मान ली और उसे अपना साथी बना लिया। इस प्रकार जंगल के सबसे शक्तिशाली जानवर और सबसे चतुर जीव के बीच एक अनोखी दोस्ती की शुरुआत हुई। अब शेर मिंकी की मदद से आसानी से शिकार करता था, और मिंकी अपनी बुद्धिमानी से शेर के साथ सुरक्षित और खुशहाल जीवन जीता था।(शेर और बंदर की कहानी)

हालांकि, मिंकी को नहीं पता था कि यह दोस्ती आगे चलकर किस दिशा में जाएगी, और क्या शेर हमेशा उसकी चालाकी की कदर करेगा या उसकी ताकत पर भरोसा करेगा। जंगल में शक्ति और चतुराई का यह मेल आगे चलकर कई रोमांचक मोड़ लेगा।(शेर और बंदर की कहानी)

शेर और बंदर की कहानी भाग 2: समझदारी की जीत और मित्रता का बंधन

पहले शिकार में मिली सफलता के बाद, मिंकी और राजा शेर के बीच का रिश्ता और गहरा हो गया। शेर को समझ आ गया था कि अकेली ताकत से सब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता, और मिंकी की बुद्धिमानी के बिना उसके लिए शिकार करना मुश्किल हो सकता है। वहीं, मिंकी भी यह जानता था कि शेर के साथ मित्रता करने में उसकी सुरक्षा और हित छिपा था। इसलिए दोनों ने तय किया कि वे एक-दूसरे के साथ मिलकर शिकार करेंगे और जंगल में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे।(शेर और बंदर की कहानी)

एक दिन शेर ने मिंकी से कहा, “मिंकी, पिछले शिकार में तुम्हारी मदद से मुझे आसानी से भोजन मिल गया था। अब मुझे फिर से भूख लग रही है। तुम्हारे पास कोई नई योजना है?”

मिंकी ने शेर की बात सुनते ही चतुराई से मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, इस बार हम कुछ बड़ा करेंगे। मैंने एक बड़े और तगड़े हिरण को देखा है, जो जंगल के उत्तर दिशा में घूमता है। वह काफी तेज़ और चालाक है, परंतु मैं उसे एक ऐसी चाल में फँसाऊँगा कि वह भाग नहीं पाएगा।”(शेर और बंदर की कहानी)

राजा शेर ने मिंकी की योजना को ध्यान से सुना और सहमत हो गया। मिंकी ने अपनी चालाकी का इस्तेमाल करते हुए हिरण को ढूंढा। उसने शेर से कहा, “आप घने झाड़ियों के पीछे छिपकर इंतजार करें। मैं उस हिरण को इस ओर लेकर आऊंगा और जब वह आपकी पहुंच में होगा, तब आप उस पर हमला कर सकते हैं।”(शेर और बंदर की कहानी)

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मिंकी ने पेड़ों के ऊपर से छलांग लगाते हुए हिरण की ओर बढ़ना शुरू किया। वह पेड़ों की शाखाओं के बीच से होते हुए हिरण के पास पहुँचा। मिंकी ने हिरण को देखते ही उससे कहा, “अरे, हिरण भाई, आज तो तुम्हारा दिन है! मैंने सुना है कि शेर आज इस इलाके में नहीं है। तुम आराम से चर सकते हो।”(शेर और बंदर की कहानी)

हिरण ने मिंकी की बात सुनी और राहत की सांस ली। उसे लगा कि आज शेर का कोई खतरा नहीं है। मिंकी ने फिर से कहा, “जंगल के इस कोने में बहुत हरी घास है। तुम यहाँ आओ, यहाँ तुम्हें खूब अच्छा भोजन मिलेगा।”

हिरण ने मिंकी की बातों पर भरोसा किया और उसकी ओर चल पड़ा। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि मिंकी उसे धीरे-धीरे शेर की ओर ले जा रहा था। जैसे ही हिरण उस झाड़ी के पास पहुंचा जहाँ शेर छिपा हुआ था, मिंकी ने संकेत दिया, और शेर ने बिजली की गति से छलांग लगाई। शेर ने अपने शक्तिशाली पंजों से हिरण को दबोच लिया, और इस तरह मिंकी की योजना सफल हो गई।(शेर और बंदर की कहानी)

शेर ने मिंकी की ओर देखा और कहा, “तुम्हारी बुद्धिमानी ने फिर से हमें जीत दिलाई। तुम्हारे बिना यह शिकार संभव नहीं था।”

मिंकी ने नम्रता से जवाब दिया, “महाराज, आपकी शक्ति के बिना यह सब संभव नहीं था। हम दोनों ने मिलकर यह सफलता पाई है।”

इस शिकार के बाद शेर और मिंकी की दोस्ती और भी मजबूत हो गई। अब दोनों सिर्फ शिकार में ही नहीं, बल्कि जंगल के अन्य जानवरों की मदद करने में भी लग गए। शेर अब समझ चुका था कि केवल अपनी ताकत के भरोसे नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और सहयोग से ही वह जंगल का सच्चा राजा बन सकता है।

मिंकी भी समझ गया था कि ताकत के साथ दोस्ती करना और सही समय पर बुद्धिमत्ता का उपयोग करना ही सफलता का मंत्र है।

समय बीतने के साथ, जंगल के अन्य जानवरों ने भी शेर और मिंकी की दोस्ती को सराहा। पहले जो जानवर शेर से डरते थे, अब वे उसके पास सलाह और मदद के लिए आने लगे। शेर अब उन्हें डराने के बजाय उनकी समस्याओं को हल करने में मिंकी के साथ मिलकर मदद करता था। मिंकी हमेशा चतुराई से हर स्थिति का हल निकालता और शेर अपनी शक्ति से उन योजनाओं को अंजाम देता।(शेर और बंदर की कहानी)

यह देख बाकी जानवर भी शेर और मिंकी का सम्मान करने लगे। जंगल में शांति और संतुलन बना रहा। शेर और मिंकी की जोड़ी ने जंगल को एक नई दिशा दी, जहाँ ताकत और चतुराई का मिलन सफलता का प्रतीक बन गया।(End शेर और बंदर की कहानी)

शेर और बंदर की कहानी का अंत एक महत्वपूर्ण संदेश के साथ होता है:

ताकत और बुद्धिमानी का मेल हमेशा सफलता लाता है। सच्ची मित्रता वही होती है जहाँ दोनों एक-दूसरे की क्षमताओं का सम्मान करते हैं और एक साथ मिलकर जीवन की चुनौतियों का सामना करते हैं। मित्रता का यह बंधन अटूट रहता है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।”

थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि "शेर और बंदर की कहानी | Kahani Hindi Short Story | हिंदी कहानी कैसी लगी |

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