चींटी और तोता की कहानी | Chiti aur Tote Ki Kahani | Animal Story

चींटी और तोता की कहानी भाग 1: चींटी और तोता का परिचय

चींटी और तोता की कहानीएक घने जंगल में एक छोटा सा गाँव था, जहाँ प्रकृति अपनी पूरी सुंदरता में खिली हुई थी। हरे-भरे पेड़ों के बीच यह गाँव पक्षियों और जानवरों का घर था। यहाँ रंग-बिरंगे पक्षी अपने सुंदर गीतों से जंगल को गुंजायमान रखते थे। इन्हीं पक्षियों में एक तोता था, जो अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई के लिए प्रसिद्ध था। उसकी हरी पंखों की चमक और गुलाबी चोंच देखते ही बनती थी। वह हमेशा खुश रहता था और गाँव के लोगों और जानवरों का मनोरंजन करता था।

उसी गाँव में चींटियों का एक छोटा सा समूह भी रहता था। ये चींटियाँ बेहद मेहनती थीं और दिन-रात अपने काम में लगी रहती थीं। चींटियों का पूरा दिन भोजन इकट्ठा करने, घोंसले की मरम्मत करने, और अपने समूह की सेवा में बीतता था। इसी समूह में एक छोटी सी चींटी थी, जिसका नाम मोती था।

मोती अपनी मेहनती प्रकृति के लिए जानी जाती थी। वह सुबह जल्दी उठकर अपने काम में लग जाती और दिनभर जंगल में भोजन ढूँढने में जुटी रहती। लेकिन उसकी मेहनत के बावजूद, उसे हमेशा ऐसा लगता था कि उसकी जिंदगी में सिर्फ काम ही काम है। उसके लिए हर दिन एक जैसे था, न कोई आराम, न कोई आनंद।

मोती कभी-कभी सोचती, “क्या मेरी जिंदगी में कुछ और नहीं हो सकता? क्या मैं भी कभी खुश रह सकती हूँ, बिना इस लगातार चलने वाले काम के?” वह यह सवाल खुद से पूछती, लेकिन उसका जवाब उसे कभी नहीं मिल पाता।

एक दिन मोती अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थी। वह जंगल में एक बड़े पेड़ के पास छोटे-छोटे दाने इकट्ठा कर रही थी। तभी उसने ऊपर की ओर देखा, जहाँ एक सुंदर तोता पेड़ की डाल पर बैठा हुआ गा रहा था।(चींटी और तोता की कहानी)

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हेलो दोस्तो ! आपका इस वेबसाइट में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “चींटी और तोता की कहानी"|Chiti aur Tote Ki Kahani| हिंदी कहानी यह एक Animal Story है। अगर आपको Animal Story पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

तोता अपने मधुर गाने से आसपास के जानवरों को आनंदित कर रहा था। उसके गाने सुनकर सभी पक्षी और जानवर उसके पास इकट्ठा हो गए थे। उसकी आवाज इतनी प्यारी थी कि लोग अपनी सारी चिंताओं को भूलकर उसकी ओर खिंचे चले आ रहे थे।(चींटी और तोता की कहानी)

मोती ने यह देखा और उसके मन में एक सवाल आया। वह पेड़ के पास गई और तोते से पूछा, “तुम्हारी जिंदगी कितनी सुखमयी है! हर दिन तुम गाने गाते हो और खुश रहते हो। तुम्हारे पास न कोई जिम्मेदारी है, न कोई चिंता। जबकि मैं दिन-रात मेहनत करती हूँ, फिर भी मुझे ऐसा लगता है कि मेरी जिंदगी में कोई खुशी नहीं है। आखिर ऐसा क्यों है?”

तोते ने मोती की बात ध्यान से सुनी और मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “देखो, मोती, मेहनत और खुशी दोनों का अपना महत्व है। तुम्हारी मेहनत तुम्हारे जीवन की नींव है। तुम्हारे बिना तुम्हारे समूह का कोई अस्तित्व नहीं होगा। लेकिन तुमने एक बात गलत समझी है – खुशी कहीं बाहर नहीं होती। यह तो हमारे दिल में होती है।”(चींटी और तोता की कहानी)

मोती ने चौंकते हुए पूछा, “क्या यह सच है? लेकिन मैं कैसे खुश रह सकती हूँ, जब मेरी पूरी जिंदगी सिर्फ काम करने में ही बीत जाती है?”

तोते ने कहा, “खुश रहना एक कला है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम अपने काम को किस नजरिए से देखती हो। अगर तुम अपने काम को बोझ समझोगी, तो वह बोझ बन जाएगा। लेकिन अगर तुम उसे एक अवसर की तरह देखोगी, तो वही काम तुम्हें खुशी देगा।”

तोते ने आगे कहा, “देखो, मैं गाना गाता हूँ। यह मेरा काम है और मुझे यह करना अच्छा लगता है। मैं दूसरों को खुश देखकर और भी अधिक आनंदित हो जाता हूँ। अगर मैं अपने गाने को एक जिम्मेदारी समझता और इसे बोझ मानता, तो शायद मैं भी खुश नहीं रह पाता। लेकिन मैंने इसे अपने दिल से स्वीकार किया है। इसी तरह, अगर तुम अपने काम को बोझ मानने के बजाय इसे अपनी पहचान समझोगी, तो तुम्हें भी खुशी मिलने लगेगी।”(चींटी और तोता की कहानी)

मोती तोते की बातों को ध्यान से सुन रही थी। उसे महसूस हुआ कि वह हमेशा अपनी जिंदगी के कामों को शिकायत की नजर से देखती थी। उसने कभी यह नहीं सोचा था कि उसकी मेहनत के कारण ही उसका समूह सुरक्षित और संगठित है।(चींटी और तोता की कहानी)

मोती ने तोते से पूछा, “तो, मुझे क्या करना चाहिए? मैं अपने काम से खुशी कैसे पा सकती हूँ?”

तोते ने कहा, “सबसे पहले, खुद पर विश्वास करो। अपने काम को एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि अपने जीवन का एक आनंदपूर्ण हिस्सा मानो। दूसरा, अपने जीवन में छोटे-छोटे पलों को संजोना सीखो। हर दिन तुम्हें कोई न कोई खुशी का पल जरूर मिलेगा, बस तुम्हें उसे महसूस करना होगा।”

मोती ने तोते की बातों को अपने दिल में उतार लिया। उसने सोचा कि शायद यही उसकी जिंदगी को बदलने का तरीका है। उसने फैसला किया कि वह अपने काम को नए नजरिए से देखेगी और छोटी-छोटी खुशियों को खोजने की कोशिश करेगी।(चींटी और तोता की कहानी)

इस तरह, चींटी और तोते के बीच एक अनोखी दोस्ती की शुरुआत हुई। मोती ने अपनी जिंदगी के संघर्षों को लेकर एक नई उम्मीद और उत्साह महसूस किया।

चींटी और तोता की कहानी भाग 2: चींटी और तोता का ज्ञान और बदलाव

तोते की पहली मुलाकात के बाद मोती ने कुछ दिनों तक उसकी बातों पर ध्यान दिया। उसने अपने काम में खुशी ढूँढने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही पुराने विचारों और थकान ने उसे फिर से घेर लिया। मोती को लगता था कि उसकी जिंदगी में कुछ अधूरा है। दिनभर भोजन इकट्ठा करना और घोंसला बनाना उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था, लेकिन यह सब कुछ उसे नीरस लगता था।(चींटी और तोता की कहानी)

एक दिन, वह सूरज ढलने के बाद बहुत थककर अपने घोंसले में लौटी। उसकी पीठ दुख रही थी, पैर काँप रहे थे, और मन में निराशा थी। उसने अपने आप से कहा, “क्या मेरी जिंदगी सिर्फ इसी के लिए है? क्या सिर्फ मेहनत करने और भोजन इकट्ठा करने से ही सबकुछ पूरा हो जाएगा?”

अगली सुबह, मोती जंगल में अपने काम पर निकल पड़ी। वह उसी बड़े पेड़ के पास पहुँची, जहाँ वह तोता अक्सर गाने गाता था। आज तोता गाने की बजाय चुपचाप बैठा हुआ था, मानो वह किसी गहरी सोच में डूबा हो।(चींटी और तोता की कहानी)

मोती ने उसकी ओर देखा और कहा, “तोता जी, मैं आपकी बातों को समझने की कोशिश कर रही हूँ, लेकिन मुझे अब भी खुशी महसूस नहीं होती। मैं अपनी मेहनत से थक चुकी हूँ। क्या जीवन में सिर्फ यही है?”

तोता मुस्कुराया और मोती से बोला, “तुम्हारे अंदर सवाल उठना यह दिखाता है कि तुम बदलाव के लिए तैयार हो। याद रखो, सभी की जिंदगी में एक उद्देश्य होता है। लेकिन खुशी पाने के लिए तुम्हें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा। मेहनत को केवल एक जिम्मेदारी मत समझो। इसे अपनी ताकत और अपने अस्तित्व का हिस्सा बनाओ। जब तुम अपने काम को एक उत्सव की तरह मानोगी, तब तुम्हें सच्ची खुशी का अनुभव होगा।”

तोते की बातों ने मोती को सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने निर्णय लिया कि वह अपने जीवन और काम को एक नई नजर से देखेगी। उस दिन से, मोती ने अपने छोटे-छोटे कामों में भी खुशियाँ ढूँढनी शुरू कर दीं।

जब वह भोजन इकट्ठा करने जाती, तो रास्ते में हर फूल, हर पत्ती और हर बूंद में सुंदरता देखने की कोशिश करती। काम करते समय वह खुद को यह याद दिलाती, “मैं जो कर रही हूँ, वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि अपने पूरे समूह के लिए है। मेरी मेहनत से सबका जीवन बेहतर हो सकता है।”

धीरे-धीरे, मोती की सोच बदलने लगी। अब उसे अपने काम में वह बोझ महसूस नहीं होता था। उसके चेहरे पर एक मुस्कान रहती, और उसके कदमों में एक नया जोश दिखता।(चींटी और तोता की कहानी)

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एक दिन, मोती के समूह के पास भोजन की कमी हो गई। घोंसले में रखा भोजन खत्म होने लगा, और सभी चींटियाँ परेशान हो गईं। मोती ने तुरंत अपने समूह को एकत्र किया और कहा, “हम सब मिलकर काम करेंगे और इस समस्या का हल निकालेंगे। अगर हम सकारात्मक सोच के साथ काम करें, तो हम जरूर सफल होंगे।”(चींटी और तोता की कहानी)

तोते ने यह सब देखा और दूर से मुस्कुराया। उसे खुशी थी कि मोती ने उसकी बातों को समझा और अपने जीवन में अपनाया।

मोती ने अपने समूह के साथ मिलकर मेहनत की। वह हर दिन पूरे उत्साह से भोजन इकट्ठा करती और दूसरों को प्रेरित भी करती। उसकी सकारात्मक ऊर्जा ने उसके पूरे समूह को प्रभावित किया। अब, हर कोई मेहनत को एक बोझ की बजाय एक उत्सव की तरह देखता था।

कुछ ही समय में, उनका घोंसला फिर से भोजन से भर गया। मोती ने एक दिन महसूस किया कि उसकी मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण ने न केवल उसके जीवन को, बल्कि पूरे समूह के जीवन को बदल दिया है।

मोती ने तोते के पास जाकर उसे धन्यवाद दिया। उसने कहा, “तोता जी, आपकी बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी। अब मुझे खुशी सिर्फ अपने काम में ही नहीं, बल्कि अपने समूह की सफलता और उनकी मुस्कान में भी मिलती है।”

तोते ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारे अंदर हमेशा से यह ताकत थी, मोती। मैंने तो बस तुम्हें इसे पहचानने में मदद की। याद रखो, खुशी और संतुष्टि हमेशा हमारे अंदर ही होती है।”

अब मोती और तोता अच्छे दोस्त बन गए थे। मोती ने अपनी मेहनत को एक नई दृष्टि से अपनाया और तोता हमेशा उसे प्रेरित करता रहा। दोनों की यह दोस्ती जंगल में बाकी जानवरों और पक्षियों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई।(End चींटी और तोता की कहानी)

चींटी और तोता की कहानी मूल संदेश:

जो हम करते हैं, वह काम मेहनत और संतुष्टि से करें। असली खुशी हमेशा हमारे काम और दृष्टिकोण में होती है। सकारात्मक सोच और दृढ़ विश्वास से हम न केवल अपने जीवन को, बल्कि दूसरों के जीवन को भी बेहतर बना सकते हैं।

थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि "चींटी और तोता की कहानी"|Chiti aur Tote Ki KahaniAnimal Story | हिंदी कहानी कैसी लगी |

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