Snake and Parrot Story भाग 1: सांप और तोते का पहली मुलाकात
Snake and Parrot Story– एक घने जंगल के बीचों-बीच एक विशाल और पुराना वृक्ष खड़ा था। यह वृक्ष इतना बड़ा था कि उसमें पक्षियों के घोंसले और छोटे जानवरों की मीनारें बसी थीं। इस जंगल में जीवन हर रूप में खिलखिलाता था। पक्षियों के चहचहाने और जानवरों की हलचल से जंगल हर सुबह जीवंत हो उठता था। लेकिन एक दिन, इस शांत और खूबसूरत जंगल में एक ज़हरीला सांप आ गया।

हेलो दोस्तो ! आपका इस वेबसाइट में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – सांप और तोते की कहानी | Snake and Parrot Story | हिंदी कहानी यह एक Animal Story है। अगर आपको Animal Story पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
सांप बेहद चालाक और खतरनाक था। उसकी पीली-हरी त्वचा और तेज़ आँखें उसे और भी डरावना बनाती थीं। जंगल के जीव-जंतु उसकी फुफकार से कांप उठते थे। जब उसने पहली बार जंगल में प्रवेश किया, उसने एक बड़े पत्थर के नीचे अपना ठिकाना बना लिया। धीरे-धीरे, उसने अपनी उपस्थिति जंगल के हर कोने में दर्ज करानी शुरू कर दी।
उसी जंगल में एक खुशमिजाज और निडर तोता रहता था, जिसका नाम मिंटू था। मिंटू अपनी हरी-पीली पंखों की चमक और अपनी मधुर आवाज़ के लिए जाना जाता था। वह हमेशा गुनगुनाता रहता और अपने चुटकुलों से जंगल के जानवरों का मन बहलाता। मिंटू को डरना बिल्कुल पसंद नहीं था। वह मानता था कि जीवन का असली आनंद खुशी और साहस में है।
जंगल में कुछ दिनों के भीतर ही सांप ने अपनी चालबाज़ियों से खौफ फैलाना शुरू कर दिया। वह हर किसी को धमकी देता और कहता, “मैं इस जंगल का सबसे ताकतवर प्राणी हूँ। जो भी मेरी आज्ञा नहीं मानेगा, उसे मैं डस लूँगा।” उसकी ज़हरीली बातों ने जंगल के सारे जीवों को भयभीत कर दिया। चिड़ियों ने गाना गाना बंद कर दिया, गिलहरियाँ अपने बिलों में छुपने लगीं, और यहां तक कि हिरण भी घास के मैदानों में जाने से कतराने लगे।(Snake and Parrot Story)
एक दिन, सांप ने खुलेआम सभी जानवरों और पक्षियों को धमकी दी। उसने कहा, “अगर किसी ने मेरी बात नहीं मानी, तो उसे मैं अपने ज़हर से खत्म कर दूँगा। अब से जंगल का हर कोना मेरी मर्जी से चलेगा।”
सांप की इन धमकियों से जंगल के सभी जीव भयभीत हो गए। लेकिन मिंटू तोता डरने वालों में से नहीं था। उसने सांप की इस घोषणा को एक चुनौती के रूप में लिया।(Snake and Parrot Story)
मिंटू ने सांप से आमना-सामना करने का फैसला किया। वह सांप के ठिकाने के पास गया और ऊँची आवाज़ में बोला, “तुम हमें डराने की कोशिश कर रहे हो, लेकिन असली शक्ति डराने में नहीं, बल्कि साहस में होती है।”
सांप ने मिंटू की ओर गुस्से से देखा और फुफकारते हुए बोला, “तुम्हें लगता है कि तुम्हारा गाना गाने और बातें बनाने से कुछ बदल जाएगा? मैं जंगल का राजा हूँ, और मैं जो चाहूँ, वो कर सकता हूँ।”
मिंटू ने शांत स्वर में उत्तर दिया, “राजा वह होता है, जो सबका सम्मान करे और दूसरों के लिए सुरक्षा का प्रतीक बने। डर और ज़बरदस्ती से कोई सच्चा राजा नहीं बन सकता।”
मिंटू की इन बातों ने सांप को और भी गुस्से में भर दिया। उसने ठान लिया कि वह मिंटू को सबक सिखाएगा।
सांप ने मिंटू को सबक सिखाने के लिए योजना बनाई। उसने सोचा कि वह मिंटू को डराकर या घायल करके यह साबित करेगा कि साहस और बातें बनाने से कुछ हासिल नहीं होता। सांप ने रात के अंधेरे में मिंटू के घोंसले के पास जाकर उसकी ताक-झाँक की। उसने देखा कि मिंटू पेड़ की ऊपरी डाल पर अपने घोंसले में चैन की नींद सो रहा है।
“कल सुबह मैं इसे ऐसा सबक सिखाऊँगा कि यह दोबारा मेरी ताकत को चुनौती देने की हिम्मत नहीं करेगा,” सांप ने अपने आप से कहा।
अगली सुबह, मिंटू ने सांप को अपने पास आते देखा। वह समझ गया कि सांप कोई चाल चलने की फिराक में है। लेकिन मिंटू ने डरने की बजाय अपनी सूझबूझ का इस्तेमाल किया। उसने सांप से कहा, “तुम्हारी ताकत तुम्हारे ज़हर में है, लेकिन क्या तुम जानते हो कि सबसे बड़ी ताकत दिमाग और अच्छाई में होती है? ज़रा सोचो, तुम्हारी ताकत से किसी को खुशी नहीं मिलती। क्या तुम्हें जंगल में सिर्फ डर और नफरत चाहिए?”(Snake and Parrot Story)
सांप कुछ देर के लिए रुका, लेकिन जल्दी ही उसने अपने गुस्से को फिर से काबू में कर लिया। वह मिंटू से बोला, “मैं तुम्हारी बातें नहीं मानता। मैं जो हूँ, वही ठीक हूँ। तुम्हारा समय अब खत्म है।”
लेकिन मिंटू ने हार नहीं मानी। उसने निडर होकर कहा, “अगर तुम्हें अपनी ताकत पर इतना ही विश्वास है, तो आओ, हम अपने तरीके से तय करें कि सच्ची ताकत किसमें है। मैं अपनी बातों और अच्छे कर्मों से दिखाऊँगा कि साहस और अच्छाई हमेशा डर और ज़हर से जीतते हैं।”
सांप को मिंटू की आत्मविश्वास भरी बातों ने थोड़ा असमंजस में डाल दिया। उसने सोचा, “यह तोता कितना निडर है। यह मुझसे डरता क्यों नहीं? शायद इसमें वाकई कुछ खास बात है।” लेकिन उसका गुस्सा अभी भी ठंडा नहीं हुआ था। उसने मिंटू के सामने अपनी चुनौती जारी रखी।
मिंटू और सांप के बीच यह लड़ाई केवल ताकत और डर की नहीं, बल्कि विचारों और सिद्धांतों की भी थी। जंगल के बाकी जानवर और पक्षी भी इस टकराव को देख रहे थे। सभी जानना चाहते थे कि आखिर इस लड़ाई का अंत कैसे होगा। क्या मिंटू की अच्छाई और साहस सांप के डर और ज़हर को हरा पाएगा?(Snake and Parrot Story)
भाग 2: सांप और तोते का संघर्ष और समाधान
सांप ने मिंटू को सबक सिखाने का ठान लिया था। उसने सोचा कि अगर वह तोते को चुपके से पकड़ लेगा, तो जंगल के बाकी जीव उससे और भी ज़्यादा डरने लगेंगे। इसी योजना के तहत वह रात के अंधेरे में धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ा, जहां मिंटू अपने घोंसले में आराम कर रहा था। सांप ने पेड़ की मोटी टहनी को लपेटते हुए ऊपर चढ़ना शुरू कर दिया। उसकी आँखों में क्रोध और चालाकी झलक रही थी।(Snake and Parrot Story)
मिंटू को हल्की सी सरसराहट सुनाई दी। वह चौकन्ना हो गया। उसने देखा कि सांप उसकी ओर बढ़ रहा है। लेकिन मिंटू घबराने की बजाय शांत रहा। उसने तुरंत अपनी चतुराई से सांप की चाल को भांप लिया और अपनी योजना बनाने लगा।(Snake and Parrot Story)
जैसे ही सांप मिंटू के करीब पहुँचा, तोता जोर से हँसते हुए बोला, “क्या तुम सच में सोचते हो कि डर दिखाकर या मुझे पकड़कर तुम जंगल के राजा बन जाओगे? असली ताकत दूसरों को डराने में नहीं, बल्कि उनका दिल जीतने में होती है।”(Snake and Parrot Story)
सांप ने गुस्से से फुफकारते हुए कहा, “तुम्हारी ये बातें मुझे नहीं रोक सकतीं। तुम्हें डरना ही होगा!”
मिंटू ने सांप को और भी चिढ़ाने के लिए कहा, “अगर तुम्हारी ताकत सिर्फ ज़हर है, तो तुम वास्तव में कमजोर हो। ताकत तो वह है जो दूसरों को जोड़ सके, न कि तोड़ सके।”
सांप मिंटू की बातों को नजरअंदाज करते हुए उसकी ओर लपका। लेकिन मिंटू ने अपनी फुर्ती और बुद्धिमानी से झपटते हुए सांप की पकड़ से बच निकला। मिंटू ने सांप को परेशान करने के लिए बार-बार अपनी जगह बदली और उसे थका दिया।
सांप ने कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार मिंटू उसकी पकड़ से बच जाता। आखिरकार सांप थककर एक टहनी पर रुक गया। उसने सोचा, “यह तोता न केवल तेज है, बल्कि चतुर भी है। मैं इसे डराने या पकड़ने में सफल नहीं हो सकता। शायद इसमें कुछ बात है।”
मिंटू ने यह देखा कि सांप अब शांत हो गया है। उसने सांप से कहा, “तुम्हारे पास ज़हर है, लेकिन तुम्हारे पास समझदारी की कमी है। अगर तुम अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करोगे, तो न केवल तुम खुद खुश रहोगे, बल्कि जंगल के बाकी जीव भी तुम्हारा सम्मान करेंगे।”
सांप ने गहरी साँस ली और मिंटू की बातों पर ध्यान दिया। उसने सोचा, “क्या मैं वाकई अपनी ताकत को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा हूँ? क्या मिंटू सही कह रहा है?”(Snake and Parrot Story)
मिंटू ने सांप को समझाने की कोशिश जारी रखी। उसने कहा, “तुम्हारे पास ज़हर है, जो एक बहुत बड़ी शक्ति है। लेकिन यह शक्ति दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं, बल्कि उनकी रक्षा करने के लिए इस्तेमाल होनी चाहिए। सोचो, अगर तुम जंगल के बाकी जीवों की मदद करोगे, तो वे तुम्हें राजा की तरह मानेंगे।”(Snake and Parrot Story)
सांप ने मिंटू की बातों को गहराई से सुना और कहा, “तुम सही कहते हो। मैं अब तक अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करता रहा। मुझे समझ में आ गया है कि डराना या नुकसान पहुँचाना असली ताकत नहीं है। मैं अपनी ज़िंदगी को बदलना चाहता हूँ।”(Snake and Parrot Story)
मिंटू ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह बहुत अच्छा निर्णय है। अगर तुम सच्चे मन से बदलना चाहते हो, तो जंगल के बाकी जीव तुम्हें ज़रूर अपनाएंगे।”
सांप ने अपने अहंकार और गुस्से को छोड़ दिया। उसने जंगल के बाकी जीवों से माफी माँगी और उनसे वादा किया कि वह अब कभी किसी को डराने या नुकसान पहुँचाने की कोशिश नहीं करेगा। धीरे-धीरे, जंगल के जीवों ने उसे माफ कर दिया और उसे अपने साथ रहने दिया।(Snake and Parrot Story)
मिंटू और सांप के बीच अब दोस्ती हो गई थी। मिंटू ने सांप को समझाया कि जीवन में अहंकार और दूसरों को नुकसान पहुँचाने से कुछ हासिल नहीं होता। उसने सांप को सिखाया कि शक्ति का सही उपयोग शांति और सम्मान लाने के लिए होना चाहिए।
अब जंगल फिर से पहले जैसा खुशहाल और शांतिपूर्ण हो गया। पक्षी गाने लगे, जानवर खुलकर घूमने लगे, और हर तरफ खुशहाली फैल गई। सांप भी जंगल के बाकी जीवों के साथ मिलकर खुशी-खुशी रहने लगा।(END Snake and Parrot Story)
(Snake and Parrot Story) मूल संदेश:
- शक्ति का सही उपयोग: असली ताकत दूसरों को डराने या नुकसान पहुँचाने में नहीं, बल्कि उनकी मदद करने और शांति लाने में होती है।
- अहंकार से बचें: अहंकार से केवल दुश्मनी और नुकसान होता है। विनम्रता और समझदारी से जीवन बेहतर बनता है।
- समझ और चतुराई का महत्व: मुश्किल समय में डरने की बजाय, चतुराई और साहस से काम लेने पर हर समस्या का हल निकल सकता है।
- परिवर्तन संभव है: अगर कोई अपनी गलतियों को समझे और सच्चे मन से बदलने की कोशिश करे, तो जीवन में हमेशा एक नई शुरुआत हो सकती है।
थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि गधे और घोड़े की कहानी|Donkey and Horse Story| Animal Story | हिंदी कहानी कैसी लगी |
Agar aap Goverment job ki Preparation karrhe hai to sarkariexampdf jarur Visit kare
Popular Post–
- भूखी लोमड़ी की कहानी | Hungry Fox Story | Animal Story
- बंदर और गिलहरी की कहानी | Bandar Aur Gilhari Ki Kahani | Animal Story
- कालू कौवा की कहानी | Kalu kauwa Ki Kahani | Hindi Story
- सपने में दूसरे को लैट्रिन करते हुए देखना या साफ करते हुए देखना: क्या है इसका आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक अर्थ?
- हिंदी की सबसे मजेदार पहेलियाँ | Best Paheli in Hindi