Nevla Aur Saap Ki Kahani- कहानी का भाग 1: गाँव की समस्या और बिल्लू का संकल्प
Nevla Aur Saap Ki Kahani– हरे-भरे खेतों और सुहानी पगडंडियों से घिरे एक छोटे से गाँव में, जीवन बहुत ही शांत और सरल था। यहाँ के लोग मेहनती और ईमानदार थे, जो अपने खेतों में काम करके अपनी जीविका चलाते थे। बच्चे स्कूल जाने के बाद गाँव के चारों ओर खेलते, बड़ों के साथ खेतों में मदद करते, और शाम को सभी गाँव के चबूतरे पर इकट्ठे होकर कहानियाँ सुनते थे। लेकिन इस सुखद जीवन में एक बड़ी बाधा थी—एक खतरनाक और ज़हरीला साँप जिसका नाम था कालिया।
कालिया का आतंक पूरे गाँव पर छाया हुआ था। उसकी भयावहता इतनी थी कि गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में दुबक जाते थे। कोई भी किसान रात में अपने खेतों की रखवाली नहीं कर पाता था क्योंकि कालिया के डसने का डर हर किसी के दिल में बैठा हुआ था। बच्चे अब खुले मैदान में खेलने से डरने लगे थे, और महिलाएँ पानी भरने के लिए कुएँ तक जाने से भी कतराती थीं। कालिया का यह डर पूरे गाँव पर एक अंधकार की तरह मंडरा रहा था, जिसने गाँव के जीवन को त्रस्त कर दिया था।
इसी गाँव में बिल्लू नाम का एक साहसी और बुद्धिमान नेवला भी रहता था। बिल्लू की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली थी। उसकी सूझ-बूझ और हिम्मत की कहानियाँ लोग अक्सर सुनाते थे। वह गाँव के बच्चों का चहेता था, और बड़ों का विश्वासपात्र। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि बिल्लू को कभी किसी से डर नहीं लगता था। वह निर्भीक और अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित था।
एक दिन, जब गाँव के मुखिया ने देखा कि गाँव के लोग कालिया के डर से अपना जीवन सामान्य रूप से जी नहीं पा रहे हैं, तो उन्होंने बिल्लू से मिलकर इस समस्या का समाधान करने की सोची। मुखिया ने बिल्लू को अपने घर बुलाया और गंभीरता से बात की, “बिल्लू, तुम तो जानते हो कि हमारे गाँव की स्थिति कितनी गंभीर है। कालिया का डर हमारे सिर पर मंडरा रहा है, और हम सब असहाय हो चुके हैं। मैंने सोचा है कि अगर कोई इस समस्या को हल कर सकता है, तो वो सिर्फ तुम हो। क्या तुम हमें इस संकट से मुक्त कर सकते हो?”
बिल्लू ने मुखिया की बात को ध्यान से सुना। वह जानता था कि यह काम आसान नहीं होगा, लेकिन वह अपने गाँव को इस संकट से बचाना चाहता था। उसने गहरी साँस ली और आत्मविश्वास से कहा, “मुखिया जी, मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं कालिया को इस गाँव से बाहर कर दूँगा। यह मेरा संकल्प है, और मैं इसे पूरा करके ही दम लूँगा।”
मुखिया ने बिल्लू की आँखों में साहस और दृढ़ निश्चय देखा। उन्होंने बिल्लू के कंधे पर हाथ रखा और कहा, “बिल्लू, हमें तुम पर पूरा विश्वास है। ईश्वर तुम्हारे साथ है।”
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बिल्लू ने अपनी योजना बनानी शुरू की। उसने गाँव के बुजुर्गों और जानकार लोगों से कालिया के बारे में जानकारी जुटाई। उसने पता लगाया कि कालिया किस समय सबसे अधिक सक्रिय होता है, कहाँ उसका ठिकाना है, और कैसे उसकी शक्ति को चुनौती दी जा सकती है। बिल्लू ने अपने दोस्तों से भी मदद माँगी। बिल्लू ने अपने दोस्तों से मिलकर एक योजना बनाई। उसने कुत्ते और चिड़िया जैसे जानवरों को आसपास नजर रखने के लिए कहा, ताकि कालिया के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। बिल्लू के दोस्तों ने भी उसकी योजना को सफल बनाने में पूरा सहयोग दिया।
बिल्लू जानता था कि उसे अपने बल और बुद्धि दोनों का उपयोग करना होगा। उसने अपने परिवार को भी इस बात की जानकारी दी और उनसे आशीर्वाद लिया। बिल्लू की माँ ने उसे गले लगाते हुए कहा, “बेटा, तुम हमेशा से ही बहादुर रहे हो। लेकिन इस बार तुम्हें और अधिक सावधान रहना होगा।”
बिल्लू ने गाँव के लोगों से भी मिलकर उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनका रक्षक है और वह उन्हें निराश नहीं करेगा। उसने लोगों से यह भी कहा कि वे हिम्मत बनाए रखें और उसके निर्देशों का पालन करें। गाँव के लोगों को अब बिल्लू पर पूरा भरोसा हो चला था, और वे उसके लिए प्रार्थना करने लगे।
रात का समय था। चाँदनी रात में सबकुछ शांत था, परंतु बिल्लू की आँखों में नींद का नामोनिशान नहीं था। वह कालिया का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार था। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उस रास्ते का पीछा किया, जहाँ से कालिया अपने ठिकाने से बाहर आता था। बिल्लू को यह मालूम था कि अगर उसने एक भी गलत कदम उठाया, तो उसका परिणाम घातक हो सकता है।
जैसे ही बिल्लू ने कालिया का ठिकाना देखा, उसने अपनी योजना के अनुसार अपनी जगह बना ली। लेकिन तभी उसे महसूस हुआ कि कालिया उससे कहीं अधिक चालाक और ताकतवर है, जितना उसने सोचा था। कालिया की आँखे उसकी दिशा में चमक रही थीं, और उसके फुंकार से धरती भी काँप रही थी।
बिल्लू ने साहस को अपने दिल में बसाए रखा, लेकिन उसे यह भी समझ में आ गया कि यह लड़ाई इतनी आसान नहीं होगी। उसे अपनी योजना में कुछ बदलाव करने होंगे।
Nevla Aur Saap Ki Kahani का भाग 2: बिल्लू का संघर्ष और कालिया की पराजय
Nevla Aur Saap Ki Kahani– बिल्लू ने अपने साहस और धैर्य से कालिया का सामना करने का दृढ़ निश्चय किया। गाँव के बुजुर्गों से मिली जानकारी के आधार पर, उसने कालिया की खोज शुरू की। कालिया का ठिकाना गाँव के बाहरी हिस्से में एक पुराने और विशाल पेड़ के नीचे था, जो घने जंगल से घिरा हुआ था। पेड़ के नीचे एक गहरा बिल था, जहाँ कालिया दिन में आराम करता और रात में शिकार के लिए बाहर निकलता था।
बिल्लू ने उस पेड़ के चारों ओर चक्कर लगाए और कालिया की गतिविधियों पर नजर रखी। उसने देखा कि कालिया बहुत ही चालाकी से अपना शिकार चुनता और बिल में लौट आता। बिल्लू को समझ में आ गया कि अगर उसे कालिया को हराना है, तो उसे बहुत ही सतर्क और सूझ-बूझ से काम लेना होगा।
बिल्लू ने एक योजना बनाई। उसने सोचा कि अगर वह कालिया को उसके बिल से बाहर निकाल सकता है, तो उसे हराना संभव हो सकता है। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था। कालिया को बिल से बाहर निकालने के लिए बिल्लू ने उसे चिढ़ाना शुरू किया। वह कालिया के बिल के पास जाकर आवाजें निकालता, झाड़ियों को हिलाता, और अपनी तेज़ चालाकियों से कालिया को उकसाता।
कालिया ने पहले तो इसे नजरअंदाज किया, लेकिन धीरे-धीरे उसका गुस्सा बढ़ने लगा। आखिरकार, एक दिन उसने बिल्लू पर हमला करने का फैसला किया। जैसे ही कालिया ने अपने बिल से बाहर निकलकर बिल्लू की तरफ फुंकार भरी, बिल्लू ने अपनी तेज गति और फुर्ती का इस्तेमाल करके खुद को सुरक्षित रखा।
अब बिल्लू का लक्ष्य था कालिया को खुले मैदान की ओर ले जाना, जहाँ वह अपनी पूरी ताकत और गति का उपयोग कर सके। उसने कालिया को चिढ़ाते हुए धीरे-धीरे उसे गाँव के पास एक खुले मैदान में लाया। वहाँ दोनों के बीच घमासान लड़ाई शुरू हो गई।
कालिया ने अपने विशाल शरीर और ज़हरीले दांतों का इस्तेमाल करके बिल्लू पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन बिल्लू की चतुराई और तेज़ी ने उसे बार-बार असफल कर दिया। बिल्लू ने कालिया के हर हमले को बड़ी ही चालाकी से नाकाम किया और उसके ऊपर पलटवार करता रहा।
लड़ाई की इस प्रक्रिया में, बिल्लू ने कालिया की कमजोरी को समझ लिया। कालिया की ताकत उसकी विशालता और ज़हर में थी, लेकिन उसकी कमजोरी थी उसकी धीमी गति और आकार। बिल्लू ने इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए उसे चक्कर में डाल दिया।
आखिरकार, बिल्लू ने कालिया के सिर पर जोर से हमला किया, जिससे कालिया का संतुलन बिगड़ गया और वह धरती पर गिर पड़ा। बिल्लू ने बिना देरी किए कालिया को अपने तेज़ दांतों से जकड़ लिया और उसे धराशायी कर दिया। कालिया का आतंक समाप्त हो गया।
जब गाँव वालों को पता चला कि बिल्लू ने कालिया को हरा दिया है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वे दौड़ते हुए उस मैदान में पहुंचे, जहाँ बिल्लू ने कालिया को हराया था। उन्होंने देखा कि बिल्लू ने पूरे साहस और धैर्य के साथ गाँव को इस बड़े खतरे से मुक्त कर दिया था।
गाँव के मुखिया ने बिल्लू को गले लगाते हुए कहा, “बिल्लू, तुमने जो काम किया है, वह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। तुमने हमें कालिया के डर से मुक्त कर दिया है और इसके लिए हम हमेशा तुम्हारे आभारी रहेंगे।”
गाँव के लोगों ने बिल्लू की बहादुरी की प्रशंसा की और उसे गाँव का हीरो बना दिया। हर कोई उसकी तारीफ करता और उसकी वीरता की कहानियाँ सुनाता। बच्चों ने बिल्लू के सम्मान में खेल-खेल में कालिया के पराजय की कहानियाँ बनाई, और बिल्लू के साहस को प्रेरणा के रूप में अपनाया। End Nevla Aur Saap Ki Kahani
Nevla Aur Saap Ki Kahani का नैतिक:
इस Nevla Aur Saap Ki Kahani से हमें यह सीख मिलती है कि साहस, धैर्य, और बुद्धिमानी के साथ किसी भी बड़े से बड़े खतरे का सामना किया जा सकता है। बिल्लू ने न केवल अपनी चतुराई से कालिया को हराया, बल्कि अपने गाँव को भी एक बड़े खतरे से मुक्त किया। हमें भी जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करते समय धैर्य और साहस नहीं खोना चाहिए।
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