Lalchi Kutta Story In Hindi | लालची कुत्ता |हिंदी कहानी

Lalchi Kutta Story In Hindi भाग 1

lalchi kutta story in hindi- रॉकी एक चालाक और भूखा कुत्ता था, जो हमेशा अपने लिए कुछ ढूंढ ही लेता था। उसकी चालाकी इतनी थी कि वह किसी भी परिस्थिति में अपने लिए भोजन ढूंढ ही लेता था। एक दिन, वह अपने आस-पास के क्षेत्र में भोजन की तलाश में भटक रहा था। सूरज आसमान में चढ़ा हुआ था और उसकी किरणें पूरे शहर पर पड़ रही थीं। रॉकी की आँखों में भूख की चमक थी, और उसकी नाक ज़मीन पर सूंघते हुए इधर-उधर घूम रही थी।

तभी उसकी नाक ने एक गंध पकड़ी, जो उसे सीधे सड़क के किनारे ले गई। वहाँ, कूड़े के ढेर के पास उसे एक बड़ी हड्डी दिखाई दी। यह हड्डी बहुत ही ताजगी से भरी लग रही थी, जैसे किसी ने हाल ही में इसे फेंका हो। रॉकी के मन में खुशी की लहर दौड़ गई। “वाह! यह तो मेरा दिन बन गया!” उसने मन ही मन सोचा। बिना एक पल गंवाए, उसने हड्डी को मुँह में उठा लिया। उसका मन खुशी से भर गया, और अब उसकी एक ही योजना थी—इस हड्डी को लेकर अपने सुरक्षित स्थान पर जाकर आराम से इसे चबाना।

हड्डी की ताजगी देखकर रॉकी की भूख और बढ़ गई। वह जल्दी-जल्दी अपने घर की ओर बढ़ने लगा। उसके कदम तेज़ हो रहे थे और दिल में उमंग। वह बार-बार हड्डी को मुँह में घुमाता और अपनी किस्मत पर हर्षित होता। “आज तो मज़े आ जाएंगे!” रॉकी ने सोचा।

जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता गया, रास्ते में उसे एक नहर दिखाई दी। इस नहर के ऊपर एक पुराना पुल था, जिसे पार करके वह अपने घर तक पहुँच सकता था। रॉकी बिना देर किए पुल की ओर बढ़ गया। पुल पुराना और कमजोर था, लेकिन रॉकी को इसका कोई डर नहीं था। उसकी निगाहें केवल उस हड्डी पर टिकी थीं, जिसे वह अपने मुँह में कसकर पकड़े हुए था।

जब वह पुल के बीच में पहुँचा, तो उसकी नज़र नीचे बहते पानी पर पड़ी। नहर का पानी बिल्कुल साफ था, और उसमें सबकुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा था। तभी, रॉकी ने पानी में अपना प्रतिबिंब देखा, लेकिन उसने इसे अपना प्रतिबिंब नहीं समझा। उसे ऐसा लगा कि नीचे एक और कुत्ता है, जिसके मुँह में भी एक बड़ी हड्डी है। (lalchi kutta story in hindi)

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रॉकी ठहर गया। उसकी आँखों में लालच और शक की भावना उभर आई। उसने सोचा, “ये दूसरा कुत्ता मेरी हड्डी से भी बड़ी हड्डी लेकर जा रहा है! अगर मैं उसकी हड्डी भी ले लूँ, तो मेरे पास दो हड्डियाँ हो जाएंगी।” उसकी चालाकी और लालच बढ़ गए। उसने अपने मुँह में पकड़ी हड्डी को और भी मजबूती से पकड़ा और तय कर लिया कि वह इस दूसरे कुत्ते की हड्डी को भी हासिल करेगा।

उसने मन ही मन एक चालाक योजना बनाई। उसने सोचा, अगर मैं उसे डरा दूँ, तो वह कुत्ता अपनी हड्डी छोड़ देगा,’ उसने सोचा। फिर वह हड्डी मेरी हो जाएगी।” इस विचार के साथ रॉकी ने ज़ोर से भौंकने की तैयारी की। उसने मुँह खोला और ज़ोर से भौंकने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने मुँह खोला, उसके मुँह में पकड़ी हड्डी पानी में गिर गई और छपाक की आवाज़ के साथ डूब गई। रॉकी के होश उड़ गए। (lalchi kutta story in hindi)

वह नीचे झुका और पानी में हड्डी को ढूँढने की कोशिश करने लगा, लेकिन अब हड्डी गहरे पानी में डूब चुकी थी। रॉकी का लालच उसे बहुत महँगा पड़ चुका था। उसके पास जो असली हड्डी थी, वह भी चली गई, और वह जिस हड्डी के लिए लालच कर रहा था, वह केवल उसका अपना प्रतिबिंब था। अब रॉकी के पास न तो असली हड्डी थी और न ही उसकी कल्पना की हड्डी।

रॉकी पुल के बीच में खड़ा, दुखी और निराश महसूस कर रहा था। उसने अपनी मूर्खता और लालच को समझा, लेकिन अब कुछ भी नहीं कर सकता था। वह नीचे बैठ गया और पानी की ओर देखता रहा। उसकी आँखों में उदासी थी, और मन में पछतावा। उसने सोचा, “अगर मैं लालच नहीं करता और अपनी हड्डी पर संतोष करता, तो आज मैं भूखा न होता।” (lalchi kutta story in hindi)

lalchi kutta story in hindi भाग 2

रॉकी ने अपनी हड्डी को पानी में गिरते देखा और उसकी आँखों में घबराहट फैल गई। “नहीं! यह नहीं हो सकता!” उसने सोचा। उसे अपनी हड्डी को वापस पाने की उम्मीद थी। उसकी पूरी खुशी इस हड्डी पर निर्भर कर गई थी। उसने नहर के किनारे पर देखा और मन ही मन ठान लिया कि उसे यह हड्डी किसी भी कीमत पर वापस चाहिए।

उसने फिर से अपनी नजरें पानी में डालीं, लेकिन हड्डी कहीं दिखाई नहीं दी। अब उसका मन बेचैनी से भर गया। उसने अपने आप को समझाया कि अगर वह उस दूसरे कुत्ते की हड्डी को ले लेता, तो वह और भी खुश होगा। लेकिन अब उसे अपने पुराने निर्णय का खामियाजा भुगतना पड़ रहा था।

“अगर मैं उस दूसरे कुत्ते को डराकर उसकी हड्डी ले लूँ, तो मेरे पास दो हड्डियाँ होंगी,” उसने सोचा और फिर से ज़ोर से भौंका। उसकी आवाज़ गूंजती हुई पुल पर और नहर के किनारे तक पहुँच गई।

रॉकी ने देखा कि पानी में उसकी छवि दिखी। वह सोचने लगा कि क्या होगा अगर वह उसे डराने में सफल हो गया? जैसे ही उसने फिर से भौंका, उसकी सारी उम्मीदें उस दूसरे कुत्ते पर निर्भर थीं। वह अब और भी लालच में आ गया था।

लेकिन अचानक, एक गलती और हुई। उसने ज़ोर से भौंकते समय अपनी आँखें पानी से हटाईं और पुल के किनारे पर ध्यान नहीं दिया। उसका संतुलन बिगड़ गया, और वह पानी में गिर पड़ा। उसने सोचा कि यह उसके लिए एक बुरा सपना है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग थी।

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वह पानी में कूद गया और तैरने लगा। उसे तैरना आता था, लेकिन यह उसके लिए किसी खतरे से कम नहीं था। वह पानी में संघर्ष कर रहा था, लेकिन अंततः वह तैरकर किनारे पर आ गया। जब उसने किनारे पर पहुँचकर अपनी हड्डी की तलाश की, तो उसकी खुशी एक बार फिर चुराई गई। जिस हड्डी को वह अपनी सबसे बड़ी खुशी समझ रहा था, वह अब उसके हाथ से जा चुकी थी।

पानी में गिरने पर रॉकी ने देखा कि उसकी हड्डी टूट गई थी। उसे बहुत बड़ा दुख हुआ। उसने सोचा, “अगर मैंने लालच नहीं किया होता, तो मेरी हड्डी सुरक्षित रहती।” यह सोचते ही उसके मन में पछतावे का एक नया अनुभव हुआ। वह समझ गया था कि उसके लालच ने उसे उसकी खुशी से वंचित कर दिया। (lalchi kutta story in hindi)

रॉकी को अब अपनी गलती का पूरी तरह एहसास हो चुका था। उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी लालच के कारण न केवल अपनी हड्डी खोई, बल्कि साथ ही अपनी आत्म-सम्मान और खुशी भी। वह खाली हाथ और निराश होकर घर लौटने लगा। रास्ते में चलते हुए, उसने अपने अनुभव से सीखे गए पाठ पर विचार किया।

वह समझ चुका था कि किसी और चीज़ की चाहत में, कभी-कभी वह जो उसके पास है, उसे भी खो सकता है। यह सब उसके लालच की वजह से हुआ था। रॉकी ने तय किया कि आगे से वह इस गलती को नहीं दोहराएगा। उसने ठान लिया कि वह अपनी ज़िंदगी में संतोष को प्राथमिकता देगा और अधिक पाने की चाहत में अपने पास के कीमती चीज़ों को नहीं खोएगा।

जैसे ही वह अपने घर पहुँचा, उसने अपने चारों ओर देखा। उसे अपने दोस्तों और अपने घर का माहौल याद आया। उसे एहसास हुआ कि खुशी केवल खाने या खेलने में नहीं, बल्कि उन रिश्तों में भी होती है जो उसके जीवन को भरते हैं।

रॉकी ने अपनी गलती से एक महत्वपूर्ण सबक सीखा। उसने यह समझा कि जीवन में संतोष सबसे बड़ा धन है। अब वह अपनी हड्डी को याद करते हुए मुस्कुराने लगा, लेकिन उसने यह संकल्प लिया कि वह आगे से कभी भी लालच में नहीं आएगा। (lalchi kutta story in hindi END)

Lalchi Kutta Story In Hindi नैतिक शिक्षा:

लालच एक अभिशाप है, और अधिक पाने की चाहत में जो हमारे पास है, वह भी खो सकता है। संतोष ही असली खुशी का स्रोत है, और हमें उस पर ध्यान देना चाहिए।”

थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि lalchi kutta story in hindiKahani Hindi Short Story | हिंदी कहानी कैसी लगी|
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