Ghamandi Hathi Ki Kahani | Animal Story | Hindi Story

Ghamandi Hathi Ki Kahani भाग 1: घमंडी हाथी का जंगल में आतंक

Ghamandi Hathi Ki Kahani– एक घने जंगल में एक विशालकाय हाथी रहता था। वह अपने बड़े आकार और ताकत पर बहुत घमंड करता था। हाथी हमेशा सोचता था कि वह जंगल का सबसे ताकतवर और सबसे महत्वपूर्ण जानवर है। उसके सामने सभी जानवर डरकर भागते थे। उसका नाम था “गजराज”। गजराज की ऊँचाई और वजन उसे जंगल का सबसे ताकतवर प्राणी बनाते थे, और इस घमंड के चलते वह अक्सर जंगल में आतंक का पर्याय बन गया।

गजराज हर रोज़ अपनी ताकत दिखाने के लिए पेड़ तोड़ता, झाड़ियों को रौंदता और छोटे जानवरों को अपने पैरों के नीचे कुचलने की धमकी देता। छोटे-छोटे जानवर जैसे खरगोश, हिरण, और बंदर उससे बहुत डरते थे। गजराज अपनी इस शक्ति का आनंद लेते हुए दूसरों को बेवजह तंग करता। वह अक्सर तालाब के किनारे जाकर अपना विशाल शरीर पानी में डालकर बाकी जानवरों को डराता।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

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गजराज को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि उसकी घमंड और दुरुपयोग से जंगल के अन्य जानवर कितने परेशान हैं। एक दिन, उसने सोचा कि क्यों न जंगल के सभी जानवरों को एक जगह इकट्ठा कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया जाए। उसने जोर से चिल्लाकर कहा, “सुनो सब! मैं गजराज, जंगल का राजा, तुम्हें अपनी शक्ति का एहसास कराना चाहता हूँ!” उसकी आवाज़ सुनकर जंगल के सभी जानवर सहम गए और अपनी-अपनी जगहों पर ठिठक गए।

एक दिन, गजराज ने तालाब के पास खेल रहे खरगोशों के घर को तहस-नहस कर दिया। वह अपने पैरों से कूदकर उनके नन्हे-से घरों को चूर-चूर कर रहा था। छोटे खरगोश उसे देखकर डर गए और इधर-उधर भागने लगे। गजराज ने हँसते हुए कहा, “क्यों भागते हो, मैं तुम्हें कुछ नहीं करूँगा!” लेकिन उसकी बातों पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं था।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

फिर, उसने नदी के किनारे बैठी हिरण को भी धक्का दे दिया, जिससे वह गिरते-गिरते बची। हिरण ने डरते हुए कहा, “क्यों, गजराज? तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? हम सभी जानवर हैं, हम तुम्हारे दोस्त हैं।” लेकिन गजराज पर इसका कोई असर नहीं हुआ। जंगल के सभी जानवर हाथी के इस व्यवहार से बहुत परेशान थे, लेकिन कोई भी उसकी ताकत के कारण कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था।

इस बीच, जंगल में एक बूढ़ा खरगोश भी था, जिसका नाम “कुशल” था। वह अपनी बुद्धिमानी के लिए मशहूर था। कुशल ने गजराज के आतंक के बारे में सुना था, लेकिन उसने कभी उसे आमने-सामने नहीं देखा। एक दिन, जंगल के सभी जानवर एकत्रित होकर बूढ़े खरगोश के पास गए। वे बहुत चिंतित थे और कुछ करना चाहते थे।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

कुशल ने उनकी परेशानियों को सुनते हुए कहा, “हमें एक योजना बनानी होगी ताकि हाथी को उसकी ताकत और घमंड का सही एहसास हो सके। हमें उसकी ताकत नहीं, बल्कि उसकी बुद्धि की परीक्षा लेनी होगी।” कुशल की बुद्धिमानी ने सभी जानवरों को आश्वस्त किया।

कुशल ने एक चालाक योजना बनाई और सभी जानवरों से कहा कि वे कुछ समय के लिए हाथी के सामने झुकें, लेकिन जब सही समय आएगा, तो वे मिलकर उसे सबक सिखाएंगे। सभी जानवरों ने योजना को ध्यान से सुना और उसे लागू करने के लिए तैयार हो गए।

उनकी योजना थी कि वे गजराज के सामने एक सभा आयोजित करेंगे। इस सभा में सभी छोटे जानवर एकत्रित होंगे और गजराज को अपनी ताकत दिखाने का मौका देंगे। इसके बाद, वे उसे एक ऐसा चुनौती देंगे जिसे वह अस्वीकार नहीं कर पाएगा। कुशल ने कहा, “हम उसे यह चुनौती देंगे कि वह जंगल के सबसे ऊँचे पहाड़ पर चढ़कर देखे कि असली ताकत क्या होती है।”

गजराज को यह चुनौती स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होगा। उसके घमंड ने उसे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वह सबसे ताकतवर है। सभी जानवर एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

सभा का दिन आया, और जंगल के सभी जानवर एकत्रित हुए। कुशल ने सभा की अध्यक्षता की और सभी जानवरों ने अपनी जगह ले ली। गजराज भी अपनी बेताबी के साथ सभा में शामिल हुआ। वह अपनी शक्ति और ताकत का प्रदर्शन करने के लिए तैयार था।

कुशल ने सभा की शुरुआत करते हुए कहा, “हम सभी यहाँ इकट्ठा हुए हैं ताकि हम अपने जंगल की शांति और समृद्धि को बनाए रख सकें। लेकिन हमें एक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, और वह समस्या है गजराज का घमंड।”(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

गजराज ने यह सुनते ही गरजते हुए कहा, “मैं क्या करूँ? मैं तो केवल अपनी ताकत दिखा रहा हूँ।”

कुशल ने कहा, “लेकिन हमें यह समझना होगा कि असली ताकत केवल शारीरिक शक्ति में नहीं है। असली ताकत वह है जब हम एकजुट होकर एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।”(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

गजराज ने हँसते हुए कहा, “तुम सब मुझसे डरते हो! मैं तुम्हें दिखा सकता हूँ कि मैं क्या कर सकता हूँ।”

कुशल ने उस समय कहा, “ठीक है, गजराज। अगर तुम सच में ताकतवर हो, तो तुम्हें एक चुनौती स्वीकार करनी होगी।”

कुशल ने अपने शब्दों को जोड़ते हुए कहा, “हम जानते हैं कि तुम बहुत शक्तिशाली हो, लेकिन क्या तुम जंगल के सबसे ऊँचे पहाड़ पर चढ़ने का साहस कर सकते हो? वह पहाड़ बहुत कठिन है, और कोई भी उसे चढ़ नहीं सका है।”

गजराज ने मुस्कुराते हुए कहा, “क्या यह चुनौती है? मैं इसे स्वीकार करता हूँ!” उसने अपने सभी समर्थकों को बुलाया और जोर से कहा, “देखो सब, मैं अभी पहाड़ पर चढ़कर लौटूँगा और तुम्हें दिखाऊँगा कि मैं कितनी ताकतवर हूँ!”

जंगल के सभी जानवरों ने देखा कि गजराज ने अपनी शक्ति और घमंड के साथ पहाड़ की ओर चलना शुरू कर दिया। लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि उसकी ताकत केवल शारीरिक शक्ति तक सीमित थी।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

गजराज ने पहाड़ की ओर बढ़ना शुरू किया, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि पहाड़ बहुत खड़ी और फिसलन भरी थी। उसने अपनी ताकत से चढ़ने की कोशिश की, लेकिन पहले ही कदम पर वह फिसलकर गिर पड़ा। वह बार-बार कोशिश करता रहा, लेकिन हर बार उसे असफलता ही हाथ लगी।

गजराज के गिरने की आवाज़ सुनकर जंगल के सभी जानवर एकत्रित हुए। उन्होंने उसे चढ़ते हुए देखा, लेकिन वह कठिनाई में था। उन्होंने एक-दूसरे को देखकर कहा, “क्या हम उसे मदद करें? या हमें उसकी घमंड को और बढ़ाना चाहिए?”

कुशल ने कहा, “नहीं, हमें इंतज़ार करना चाहिए। गजराज को अपनी सीमाओं का एहसास होना चाहिए।”

समय बीतता गया, और गजराज ने महसूस किया कि उसकी ताकत सिर्फ आकार में नहीं है। पहाड़ पर चढ़ने में असफलता ने उसे सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने अपनी दिमागी शक्ति पर ध्यान देना शुरू किया। “क्या मैं इस समस्या का समाधान नहीं निकाल सकता?” उसने सोचा।

लेकिन उसकी सोच ने उसे केवल यह समझाया कि घमंड और ताकत के साथ हमेशा सही नहीं होता। उसकी हार ने उसे यह भी सिखाया कि असली ताकत एकजुटता और समझ में होती है।

Ghamandi Hathi Ki Kahani भाग 2: घमंड का पतन और हाथी की हार

अगले दिन, जंगल के सभी जानवर हाथी के सामने झुके हुए दिखने लगे। वे उसकी ताकत की तारीफ करने लगे और उसका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे।हाथी, जो पहले से ही अपने घमंड में डूबा हुआ था, अब और भी गर्वित हो गया। उसे लगता था कि पूरा जंगल उसका गुलाम बन गया है। उसने यह देखकर खुशी का अनुभव किया कि कोई भी उसके सामने खड़ा नहीं हो सकता।

तभी, बूढ़ा खरगोश हाथी के पास गया और उससे मीठी-मीठी बातें करने लगा। उसने कहा, “हाथी महाराज, आपकी ताकत का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस जंगल में एक और हाथी है जो आपसे भी ताकतवर है?” हाथी चौंक गया और गुस्से में बोला, “कहाँ है वह? मुझे दिखाओ! मैं अभी उसे चुनौती दूँगा।”

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हाथी की आँखों में चुनौती की चमक थी। वह एक नया दुश्मन खोजने के लिए उत्सुक था। बूढ़ा खरगोश, जो सब कुछ जानता था, ने उसे गहरे कुएँ के पास ले जाने का निर्णय लिया।

बूढ़ा खरगोश हाथी को कुएँ के पास ले गया और कहा, “वह ताकतवर हाथी इस कुएँ में रहता है। आप जैसे ही कुएँ में झाँकेंगे, वह आपको दिख जाएगा। “हाथी ने पहले सोचा कि यह एक मजाक है, लेकिन फिर भी वह अपनी जिज्ञासा को दबा नहीं सका।

हाथी तुरंत उत्सुकता से कुएँ में झाँका। जैसे ही उसने पानी में अपनी परछाई देखी, उसे लगा कि सचमुच वहाँ एक और हाथी है जो उसे घूर रहा है। हाथी का गर्व और भी बढ़ गया। उसने अपनी सूंड को कुएँ के अंदर मारने का फैसला किया।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

गुस्से में, हाथी ने अपनी सूंड को जोर से कुएँ के अंदर मारा। लेकिन जैसे ही उसकी सूंड पानी से टकराई, पानी की लहरें उठ गईं। हाथी का संतुलन बिगड़ गया, और वह खुद को कुएँ में गिरने से रोक नहीं सका।

हाथी ने किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन उसकी सारी ताकत और घमंड चूर-चूर हो गया। वह कुंए के किनारे पर खड़ा हुआ, उसके हृदय में भय और शर्म का मिश्रण था। उसने देखा कि सभी जानवर उसे देखकर चुपचाप खड़े हैं।(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

जैसे ही हाथी ने अपनी स्थिति को समझा, उसे अपनी बेवकूफी का एहसास हुआ। उसने देखा कि घमंड के कारण वह अपने ही आत्म-सम्मान को गिरा चुका था। सभी जानवर उसके पास आए और कहा, “ताकत का सही उपयोग दूसरों की मदद के लिए करना चाहिए, न कि उन्हें परेशान करने के लिए।”

हाथी ने अपनी आँखों में आंसू भरकर सभी से माफी माँगी। वह समझ गया कि उसकी ताकत का उपयोग दूसरों को डराने के लिए नहीं, बल्कि उनकी रक्षा करने के लिए होना चाहिए। सभी जानवर उसकी बात को सुनकर खुश हुए और उसका समर्थन करने लगे।

अब हाथी ने तय किया कि वह अपनी शक्तियों का सही उपयोग करेगा। उसने जंगल के छोटे जानवरों से मिलने का निश्चय किया। हाथी ने छोटे जानवरों से कहा, “मैंने अपनी गलती को समझ लिया है। मुझे खेद है कि मैंने तुम्हें डराया। क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे?”

छोटे जानवर थोड़े संकोच में थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने हाथी की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया। खरगोश ने कहा, “हम तुम्हें माफ करते हैं, लेकिन हमें यह बताना होगा कि तुम अब हमारी रक्षा कैसे करोगे।”

हाथी ने उत्तर दिया, “मैं तुम्हारी सुरक्षा करूंगा। अगर कोई भी शिकारी या बड़ा जानवर तुम्हारे पास आएगा, तो मैं उसे डराने के लिए अपनी ताकत का उपयोग करूंगा। हम सब मिलकर एक परिवार की तरह रहेंगे।”(Ghamandi Hathi Ki Kahani)

हाथी की इस बात ने सभी जानवरों को खुश कर दिया। वे समझ गए थे कि सच्चा साहस और ताकत केवल अपने बल पर नहीं, बल्कि दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझदारी से आती है। सभी जानवर एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने लगे। हाथी अब न केवल जंगल का सबसे बड़ा जानवर था, बल्कि सबसे प्यारा भी बन गया था।

बूढ़ा खरगोश खुशी से मुस्कुरा रहा था। उसने हाथी की बुद्धिमत्ता और समझदारी को देखकर सोचा, “यह हाथी अब अपने घमंड से दूर हो चुका है। वह सच में एक सच्चा नेता बन गया है।”

अब, हाथी ने अपनी नई जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया। उसने जंगल के सभी छोटे जानवरों को एकत्रित किया और एक योजना बनाई कि कैसे वे अपने जंगल को सुरक्षित रख सकते हैं। उसने कहा, “हमें एकजुट होकर रहना होगा। अगर हम सभी एक साथ रहेंगे, तो कोई भी हमें परेशान नहीं कर सकेगा।”

जानवरों ने हाथी की इस सोच को सराहा। उन्होंने न केवल उसकी ताकत का आदर किया, बल्कि उसकी बुद्धिमत्ता का भी सम्मान किया। हाथी अब एक सच्चे नेता की तरह व्यवहार कर रहा था, जो न केवल ताकतवर था, बल्कि समझदार भी था।(END Ghamandi Hathi Ki Kahani)

Ghamandi Hathi Ki Kahani से सीख

अब, हाथी समझ गया था कि सच्चा ताकतवर वही है, जो अपनी ताकत को समझदारी और विनम्रता से इस्तेमाल करे। उसने वादा किया कि वह अब किसी को परेशान नहीं करेगा और सभी के साथ मिलकर रहेगा। इस तरह, हाथी ने अपने घमंड को त्याग दिया और जंगल में शांति फिर से लौट आई।

Ghamandi Hathi Ki Kahani से हमें यह सीख मिलती है कि घमंड करना और दूसरों को डराना गलत है। सच्ची शक्ति दूसरों की मदद करने और सहानुभूति रखने में है। हमें हमेशा विनम्र रहना चाहिए और अपनी ताकत का उपयोग दूसरों के भले के लिए करना चाहिए।

“सच्ची ताकत वही है, जो दूसरों की भलाई के लिए काम आती है। घमंड कभी भी हमें मजबूत नहीं बनाता, बल्कि हमें कमजोर करता है।”

थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि Ghamandi Hathi Ki KahaniKahani Hindi Short Story | हिंदी कहानी कैसी लगी |
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