Chidiya Aur Hathi Ki Kahani भाग 1: हाथी का अभिमान और चिड़िया का दुख
Chidiya Aur Hathi Ki Kahani– एक हरे-भरे जंगल में एक बड़ा और ताकतवर हाथी रहता था। उसका नाम था गजराज। गजराज का आकार विशाल था, और उसकी ताकत से सभी जानवर भयभीत थे। वह अक्सर अपने बड़े पैरों से ज़मीन को हिलाता और अपने बड़े कानों को फड़काते हुए जंगल में घूमता। उसकी ताकत पर उसे इतना घमंड था कि वह छोटे जानवरों को बेवजह परेशान करता था। उसे लगता था कि कोई भी उससे ताकतवर नहीं है, इसलिए वह बिना सोचे-समझे दूसरों को नुकसान पहुँचाता था।
एक दिन, गजराज जंगल में घूमते-घूमते एक बड़े पेड़ के पास पहुँचा। उसने देखा कि पेड़ पर एक सुंदर चिड़िया का घोंसला बना हुआ था, जिसमें उसके छोटे-छोटे बच्चे थे। गजराज ने उस पेड़ को धक्का देने का मन बनाया। उसने अपनी पूरी ताकत से पेड़ को धक्का दिया, और वह पेड़ अपनी जड़ों से उखड़ गया।
पेड़ के गिरने से चिड़िया का घोंसला नीचे गिर गया। घोंसला टूट गया, और चिड़िया के छोटे-छोटे बच्चे ज़मीन पर गिर पड़े। चिड़िया यह सब देखकर बहुत दुखी हो गई। उसने अपनी चोंच से बच्चों को उठाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे डर के मारे चुप थे। चिड़िया ने गजराज से कहा, “तुम्हारी इस हरकत से मेरे बच्चों की जान खतरे में पड़ गई। कृपया ऐसा मत करो।”
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गजराज ने चिड़िया की बातों को अनसुना करते हुए हँसते हुए कहा, ‘क्या तुम जैसी छोटी-सी चिड़िया मुझ विशाल हाथी को कुछ सिखाने आई हो? मैं जंगल का सबसे ताकतवर जानवर हूँ और मुझे कोई रोक नहीं सकता।” उसकी आवाज़ में arrogance था, और वह यह सोचकर और भी गर्वित हो गया कि उसने चिड़िया के बच्चों को नुकसान पहुँचाया है।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
चिड़िया रोती हुई अपने बच्चों को उठाकर एक सुरक्षित जगह ले गई, लेकिन उसने ठान लिया कि वह गजराज को उसकी घमंड का सबक सिखाएगी।
चिड़िया ने जंगल के अन्य जानवरों से मदद माँगी। उसने सोचा कि अगर सभी जानवर मिलकर गजराज के खिलाफ खड़े हो जाएँगे, तो वह अपनी ताकत का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। लेकिन जब चिड़िया ने अपने दोस्तों से मदद मांगी, तो सभी ने डर के मारे मुँह मोड़ लिया।
“गजराज बहुत ताकतवर है, चिड़िया,” कहा बाघ ने, “हम उससे टकराना नहीं चाहेंगे। हमें अपनी जान की फिक्र करनी चाहिए।”
चिड़िया ने देखा कि सभी जानवर गजराज से डरते हैं, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने निश्चय किया कि वह अपने छोटे-छोटे पंखों के बावजूद गजराज के घमंड को तोड़कर रहेगी।
चिड़िया ने अपनी योजना पर विचार करना शुरू किया। वह जानती थी कि गजराज का आकार और ताकत उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन उसने एक ऐसा उपाय सोचा जो उसकी छोटी सी काया में भी प्रभावी हो सकता है।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
चिड़िया ने एक दिन सभी जानवरों को एकत्रित किया और कहा, “मैं एक योजना बनाने जा रही हूँ। हमें गजराज को उसके घमंड का सबक सिखाना होगा। हम सभी एक साथ मिलकर उसे उसकी गलतियों का अहसास कराएँगे।”
कुछ जानवरों ने उसकी बातों में रुचि दिखाई, जबकि कई फिर से डर के मारे मुँह मोड़ गए। लेकिन चिड़िया को निराशा नहीं हुई। उसने सोचा कि अगर एक या दो जानवर भी उसके साथ जुड़ें, तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।
एक दिन, चिड़िया ने अपनी योजना को अंजाम देने का निश्चय किया। उसने सबसे पहले गजराज के पास जाने का मन बनाया। गजराज उस समय एक तालाब के पास पानी पीने में व्यस्त था। चिड़िया ने धीरे-धीरे अपने पंखों को फैलाया और गजराज के पास उड़ गई।
“गजराज,” चिड़िया ने कहा, “क्या तुम जानते हो कि तुम कितने शक्तिशाली हो? लेकिन क्या तुम जानते हो कि तुम्हारी शक्ति का सही उपयोग क्या है?”
गजराज ने उसकी बात सुनकर मुँह चिढ़ाया। “तुम छोटी सी चिड़िया मुझे यह सिखाने आई हो? मैं अपनी शक्ति का उपयोग जैसे चाहूँ, कर सकता हूँ।”
चिड़िया ने धैर्य से कहा, “लेकिन तुम्हारी शक्ति से औरों को दुख पहुँचता है। अगर तुम अपने ताकत का उपयोग सही तरीके से करोगे, तो तुम वास्तव में जंगल के राजा बनोगे।”
गजराज ने उसे अनसुना कर दिया और पानी पीने लगा। चिड़िया ने महसूस किया कि उसकी पहली कोशिश विफल रही। लेकिन उसने सोचा कि उसे हार नहीं माननी चाहिए।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
चिड़िया ने एक और योजना बनाई। उसने सोचा कि अगर वह गजराज को एक बार फिर से अपनी शक्ति का अहसास दिला सके, तो शायद वह अपने तरीके में बदलाव कर सके। इस बार, उसने जंगल के सभी छोटे जानवरों को इकट्ठा किया और उन्हें अपने लक्ष्य के बारे में बताया।
“हम एक साथ मिलकर गजराज के पास जाएँगे और उसे दिखाएँगे कि शक्ति का सही उपयोग क्या होता है। हमें उसकी ताकत से नहीं डरना है,” उसने सभी को उत्साहित किया।
उनके साथ मिलकर चिड़िया ने एक बड़ा बैनर बनाया, जिस पर लिखा था, “सच्चा राजा वह है, जो दूसरों का ख्याल रखता है।” वे सभी बैनर को लेकर गजराज के पास पहुँचे।
जब चिड़िया और अन्य जानवर गजराज के पास पहुँचे, तो गजराज ने उन्हें देखकर हँस दिया। “क्या तुम सबने मिलकर मेरी ताकत का मजाक बनाने का निश्चय किया है?”
चिड़िया ने साहस जुटाते हुए कहा, “नहीं, गजराज। हम यहाँ तुम्हें यह बताने आए हैं कि तुम्हारी ताकत का सही उपयोग क्या होता है। तुम्हें हमारी मदद की ज़रूरत है।”(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
गजराज ने फिर से अनसुना करते हुए कहा, ‘तुम सब मेरे सामने क्या कर सकते हो? तुम तो छोटे-छोटे जानवर हो।
चिड़िया और उसके दोस्तों ने महसूस किया कि गजराज को समझाना इतना आसान नहीं होगा। लेकिन उन्होंने तय किया कि वे हार नहीं मानेंगे। उन्होंने अपने बीच में चर्चा की और तय किया कि वे गजराज के घमंड को चुनौती देंगे।
चिड़िया ने कहा, “हमें उसे साबित करना होगा कि हम सब मिलकर उसकी ताकत को चुनौती दे सकते हैं।”
अब चिड़िया ने अपनी योजना के दूसरे चरण पर ध्यान केंद्रित किया। उसने सभी जानवरों से कहा कि वे गजराज के आसपास एक घेरा बनाकर खड़े हो जाएँ।
गजराज ने हँसते हुए कहा, “क्या तुम सब मुझे डराने आए हो? तुम लोग मुझसे मुकाबला नहीं कर सकते।”
लेकिन चिड़िया ने अपनी हिम्मत नहीं हारी। उसने अपने दोस्तों से कहा, “हम सब एकजुट होकर उसकी ताकत को चुनौती देंगे।”
चिड़िया ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गजराज के चारों ओर उड़ना शुरू किया। वे सब उसकी आँखों के सामने मंडराने लगे। गजराज को अचानक समझ में आया कि ये छोटे जानवर एकजुट होकर उसके खिलाफ खड़े हो गए हैं।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
गजराज ने गुस्से में कहा, ‘तुम सब मुझसे डर नहीं सकते। मैं जंगल का राजा हूँ!’ लेकिन अब उसकी आवाज़ में आत्मविश्वास की कमी दिख रही थी।
लेकिन चिड़िया ने जवाब दिया, “हम अपनी जान की परवाह नहीं करते, गजराज। हम चाहते हैं कि तुम समझो कि शक्ति का सही उपयोग क्या होता है।”
गजराज ने चिड़िया और अन्य जानवरों के साहस को देखकर आश्चर्यचकित हो गया। उसने अपने घमंड को एक पल के लिए भुला दिया। अब वह समझने लगा था कि जब तक वह अपनी ताकत का सही उपयोग नहीं करेगा, तब तक जंगल में उसकी स्थिति हमेशा सवालों के घेरे में रहेगी।
Chidiya Aur Hathi Ki Kahani भाग 2: चिड़िया की चालाकी और हाथी की हार
चिड़िया ने गजराज को सबक सिखाने के लिए एक चालाक योजना बनाई। वह जानती थी कि गजराज को उसकी शक्ति का अहसास कराना आसान नहीं होगा, लेकिन उसने अपने छोटे दोस्तों, जंगल के ज़हरीले कीड़ों और छोटे-छोटे पक्षियों से दोस्ती कर ली। उसने अपनी योजना साझा की और सभी ने उसकी मदद करने का वादा किया। चिड़िया ने सोचा कि अगर वे सब मिलकर गजराज पर हमला करेंगे, तो उसका घमंड टूट जाएगा।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
एक रात, जब गजराज गहरी नींद में सो रहा था, चिड़िया ने अपने छोटे दोस्तों के साथ मिलकर योजना को अंजाम देना शुरू किया। चिड़िया ने अपने साथी कीड़ों से कहा कि वे गजराज के बड़े-बड़े कानों, सूंड, और शरीर के अन्य हिस्सों में घुसकर उसे काटना और गुदगुदाना शुरू करें। कीड़े हाथी के शरीर पर रेंगने लगे, और चिड़िया और उसके दोस्त पक्षियों ने जोर-जोर से गजराज के कानों में चिल्लाना शुरू कर दिया।
गजराज ने अचानक चौंककर अपनी आँखें खोलीं। उसकी आँखों में भय था, क्योंकि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इतने छोटे जीव उसे इस तरह परेशान कर सकते हैं। वह दर्द से चिल्लाने लगा और अपने कानों और शरीर को खुजाने की कोशिश करता रहा। लेकिन कीड़े और पक्षी उसे लगातार परेशान करते रहे। उसे अब अपने घमंड का अहसास हो चुका था।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
गजराज ने अपने चारों ओर देखा और पाया कि उसे कोई मदद नहीं मिल रही थी। उसके पास कोई साथी नहीं था, और अब वह केवल एक छोटे से कमरे में घिरा हुआ महसूस कर रहा था। चिड़िया और उसके दोस्तों ने उसे चारों ओर से घेर लिया था। वह चिल्लाया, “तुम सब क्या कर रहे हो? क्या तुमने मेरी ताकत का मजाक बनाने का निश्चय किया है?”(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
चिड़िया हंसते हुए बोली, “नहीं, गजराज। हम यहाँ तुम्हें यह बताने आए हैं कि तुम्हारी ताकत का सही उपयोग क्या होता है। तुम्हें हमारी मदद की ज़रूरत है, लेकिन तुमने हमेशा हमारी शक्ति को नजरअंदाज किया है। अब तुम देख सकते हो कि छोटे जीव भी मिलकर बड़ी ताकत बन सकते हैं।”
गजराज ने गुस्से में कहा, “तुम सब मुझसे डर नहीं सकते। मैं जंगल का राजा हूँ!” लेकिन उसकी आवाज़ में अब आत्मविश्वास की कमी थी।
चिड़िया हाथी के पास आई और कहा, “तुम्हें याद है जब तुमने मेरे घोंसले को तोड़ा था और मुझे कमजोर समझकर हँसे थे? अब बताओ, तुम्हारी ताकत कहाँ है? “गजराज ने दुखी होकर माफी माँगी और कहा, ‘मुझे माफ कर दो, मैं अब कभी किसी को बेवजह नहीं सताऊँगा। मैं समझ गया कि चाहे कोई छोटा हो या बड़ा, सबकी अपनी ताकत होती है।”(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
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चिड़िया ने गजराज की आँखों में बदलाव देखा। उसने कहा, “यह तुम्हारे लिए एक सुनहरा मौका है। अगर तुम अपनी शक्ति का सही उपयोग करोगे, तो तुम सच में जंगल के राजा बन जाओगे।” गजराज ने अपने घमंड को भुलाते हुए कहा, “मैं अब सभी जानवरों से माफी माँगूंगा और तुम सबकी मदद करूंगा।”(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
गजराज ने जंगल के सभी जानवरों से माफी मांगी। उसने चिड़िया को वादा किया कि वह अब किसी का घर नहीं उजाड़ेगा और दूसरों के साथ विनम्रता से पेश आएगा। इस प्रकार, गजराज ने अपनी सोच में बदलाव किया और चिड़िया के प्रति अपनी गलती का एहसास किया।
अब गजराज और चिड़िया के बीच एक नया संबंध बन गया। गजराज ने चिड़िया के घोंसले की रक्षा करने का वचन दिया। वह अपनी ताकत का उपयोग जंगल में सभी जानवरों की मदद के लिए करने लगा। वह अब जंगल का सच्चा राजा बन गया, जो सबकी देखभाल करता था और सभी जानवरों का मित्र बन गया।(Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
चिड़िया ने गजराज से कहा, “अब तुम जान गए हो कि शक्ति का सही उपयोग क्या होता है। हम सब एक-दूसरे की मदद करेंगे, और इसी तरह हम जंगल में एकता और प्रेम बनाए रखेंगे।”
गजराज ने अपनी ताकत का उपयोग करके जंगल में खुशियों का संचार करना शुरू किया। उसने छोटी-छोटी जानवरों की रक्षा की और उन्हें अपने साथ रखा। जंगल में हर जगह उल्लास और सामंजस्य फैल गया। चिड़िया ने खुशी से देखा कि अब सभी जानवर मिलकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।(End Chidiya Aur Hathi Ki Kahani)
Chidiya Aur Hathi Ki Kahani सीख
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी को भी कमजोर या छोटा नहीं समझना चाहिए। समझदारी और साहस से छोटे जीव भी बड़े से बड़े ताकतवर का सामना कर सकते हैं। इसलिए, घमंड से दूर रहकर सभी के साथ सम्मान और प्रेम से पेश आना चाहिए। सही शक्ति का उपयोग एक सच्चे नेता की पहचान होती है।
मोरल ऑफ द स्टोरी: “शक्ति का सही उपयोग ही सच्ची शक्ति है। किसी को भी छोटा समझना और घमंड करना गलत है; हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।”
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