मजेदार भूत की कहानी | Majedar Bhoot ki kahani |Horror Story | Hindi Kahani

मजेदार भूत की कहानी भाग 1: भूत का आगमन

मजेदार भूत की कहानी-एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में जहाँ हर कोई भूतों से बहुत डरता था। यह गाँव, पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ था, जहाँ दिन ढलते ही अजीबोगरीब आवाज़ें आने लगती थीं। गाँव के बुज़ुर्ग अक्सर रात को आग के पास बैठकर डरावनी भूतों की कहानियाँ सुनाया करते थे, जिन्हें सुनकर गाँव के बच्चे भयभीत हो जाते थे। बच्चों के दिलों में भूतों का खौफ ऐसा बैठा था कि रात को अकेले बाहर जाने की हिम्मत कोई नहीं करता था।

गाँव में ये डरावनी कहानियाँ पीढ़ियों से चली आ रही थीं, लेकिन किसी ने कभी किसी असली भूत को नहीं देखा था। बस कहानियों में ही भूतों का ज़िक्र होता था। परंतु, यह सब तब बदल गया जब एक रात अचानक गाँव में सचमुच एक भूत का आगमन हुआ। इस भूत का नाम था पप्पू।(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार-भूत-की-कहानी-Horror-story
हेलो दोस्तो ! आपका इस वेबसाइट में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “मजेदार भूत की कहानी"| Hindi Kahani | हिंदी कहानी | Hindi Story" यह एक Horror Story in hindi है। अगर आपको Horror Story in hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

पप्पू एक अनोखा भूत था। उसकी शक्ल-सूरत भले ही भयानक थी—लंबे बाल, बड़ी बड़ी आँखें, और एक काली चादर ओढ़े हुए—लेकिन वह स्वभाव से बहुत हंसमुख और मज़ाकिया था। पप्पू किसी को डराने के लिए नहीं, बल्कि हंसाने के लिए भूत बना था। उसे लोगों को मज़े कराना और हंसाना बहुत पसंद था। लेकिन उसकी परेशानी यह थी कि लोग उसे देखते ही डर जाते थे, और उसके मज़ेदार स्वभाव को समझ ही नहीं पाते थे।(मजेदार भूत की कहानी)

पप्पू की पहली रात गाँव में बड़ी अजीब रही। जैसे ही वह गाँव के चौक में प्रकट हुआ, लोगों ने उसकी झलक पाकर चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ लोग घरों में छिप गए, तो कुछ ने दरवाज़े और खिड़कियाँ बंद कर लीं। पप्पू ने हैरानी से सोचा, ‘मैंने तो सिर्फ हंसी-मज़ाक के लिए आना चाहा था, पर ये लोग मुझे देखकर इतना क्यों घबरा रहे हैं?(मजेदार भूत की कहानी)

उसी रात, पप्पू ने गाँव में घूमने का फैसला किया। उसने सोचा कि वह बच्चों के साथ कुछ मज़ेदार हरकतें करेगा, ताकि उनका डर ख़त्म हो जाए। वह धीरे-धीरे गाँव की गलियों में घूमता रहा, और जहाँ भी कोई बच्चा उसे दिखता, वह अचानक से गायब हो जाता और फिर से प्रकट होकर कहता, “अरे भाई, मैं तो मजाक कर रहा हूँ!” लेकिन बच्चे उसकी हरकतों से और भी ज़्यादा डरने लगे। वे उसे देखकर भाग खड़े होते और जोर-जोर से चिल्लाते, “भूत! भूत आ गया!”

पप्पू को समझ नहीं आया कि आखिर बच्चे उससे इतना क्यों डरते हैं। उसने तो उन्हें हंसाने की कोशिश की, लेकिन उसका चेहरा और उसकी हरकतें इतनी डरावनी लगती थीं कि बच्चे उसकी मंशा को समझ ही नहीं पा रहे थे।

पप्पू ने हार मानने की बजाय एक और योजना बनाई। उसने सोचा कि अगर वह कुछ और मजेदार करेगा, तो शायद बच्चे उसकी दोस्ती स्वीकार कर लेंगे। वह एक दिन गाँव के बगीचे में गया और वहाँ खेल रहे बच्चों को अपनी जादुई शक्तियों से प्रभावित करने की कोशिश की। उसने अचानक से एक पत्थर को गायब कर दिया और फिर उसे दूसरी जगह प्रकट कर दिया। वह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर इतनी तेजी से उड़ा कि बच्चों की आँखें चौंधिया गईं।(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार-भूत-की-कहानी-Horror-story

लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उल्टा। बच्चे डर कर भाग खड़े हुए। वे सोचने लगे कि यह भूत तो बहुत शक्तिशाली और डरावना है, जो कुछ भी कर सकता है। पप्पू को समझ में आया कि यह तरीका भी काम नहीं कर रहा है।(मजेदार भूत की कहानी)

अब पप्पू के मन में एक और योजना आई। उसने सोचा कि अगर वह एक मजेदार पार्टी का आयोजन करेगा, तो बच्चे खुश होंगे और उसका डर छोड़ देंगे। पप्पू ने गाँव के बाहर एक खाली मैदान चुना और वहाँ पर अपने भूतिया तरीकों से सजावट करना शुरू कर दी। उसने पेड़ों पर चमकदार रोशनी लगाई, हवा में झूलती लहराते कपड़े टांगे, और वहाँ एक बहुत बड़ी मेज सजाई, जिस पर ढेर सारे खाने-पीने की चीज़ें रखीं।(मजेदार भूत की कहानी)

पार्टी के लिए सब कुछ तैयार था। पप्पू ने गाँव के सभी बच्चों को आमंत्रित किया। वह हर घर के दरवाज़े पर जाकर बच्चों को बुलाने लगा, लेकिन कोई भी उसके साथ आने को तैयार नहीं था। सभी को डर था कि कहीं यह भूत उन्हें हानि न पहुंचा दे। पप्पू ने पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चों के दिलों में उसका डर और भी गहराता चला गया।

आखिरकार, पप्पू को महसूस हुआ कि अगर उसे गाँव के बच्चों का विश्वास जीतना है, तो उसे कुछ खास करना होगा। केवल पार्टी या मजेदार हरकतें शायद ही काम करेंगी। उसे ऐसा कुछ करना होगा, जिससे बच्चे उसके दोस्त बनें और उसे डरावना भूत नहीं, बल्कि एक मजेदार दोस्त मानें।

अब पप्पू ने ठान लिया था कि वह बच्चों के साथ कुछ ऐसा करेगा, जिससे वे उसका विश्वास करें और उसके साथ हंसी-मज़ाक करें। उसने एक और योजना बनाई, लेकिन इस बार वह और ज़्यादा सावधान और विचारशील था। उसने सोचा, “मुझे इस बार कोई गलती नहीं करनी है। अगर मैं सही तरीका अपनाऊँ, तो शायद बच्चे मुझसे दोस्ती करने के लिए तैयार हो जाएं।”

कहानी यहाँ पर थोड़ी और दिलचस्प हो जाती है, क्योंकि अब पप्पू की अगली योजना क्या होगी? क्या वह बच्चों का विश्वास जीत पाएगा, या फिर से कुछ गड़बड़ हो जाएगी? यही तो देखना बाकी है!(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार भूत की कहानी भाग 2: हंसी और दोस्ती

पप्पू ने जो पार्टी आयोजित की थी, उसका दिन आखिरकार आ गया। उसने इस बार तय किया था कि वह गाँव के बच्चों का दिल जीतकर रहेगा। पार्टी की तैयारियाँ पहले से ही पूरी हो चुकी थीं—रंगीन रोशनी, हंसी-मजाक के लिए तमाम साधन, और एक भूतिया मगर मजेदार माहौल। पप्पू ने अपने जादुई कौशल का इस्तेमाल करके पेड़-पौधों को कुछ इस तरह सजाया था कि सबकुछ चमकदार और आकर्षक दिखने लगा था।(मजेदार भूत की कहानी)

गाँव के बच्चे अब तक पप्पू से डरे हुए थे, लेकिन उत्सुकता भी थी कि आखिर यह भूत क्या कर रहा है। पप्पू ने बच्चों को पार्टी का न्योता दिया था, पर वे पहले उसे स्वीकार करने में हिचकिचा रहे थे। उन्हें अब भी यह डर सता रहा था कि यह भूत उन्हें कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा।

लेकिन पप्पू ने हार मानने की बजाय और भी दिलचस्प तरीकों से बच्चों को आकर्षित करने की ठानी। पार्टी के दिन, वह गाँव की गलियों में घूम-घूमकर बच्चों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहा था। वह हवा में उड़कर इधर-उधर झूल रहा था, अचानक गायब होकर फिर से प्रकट हो रहा था, और अपनी चुलबुली हरकतों से बच्चों को अपनी तरफ बुलाने की कोशिश कर रहा था।(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार-भूत-की-कहानी-Horror-story

धीरे-धीरे, कुछ बहादुर बच्चे जो जिज्ञासु थे, पार्टी में आने लगे। शुरू में, वे डरे हुए थे, लेकिन पप्पू की हंसी-मजाक भरी हरकतों को देखकर उनका डर थोड़ा-थोड़ा करके कम होने लगा। पप्पू ने अपनी अद्भुत जादुई शक्तियों से कुछ मजेदार खेल आयोजित किए। उसने बच्चों के सामने अपने हाथों से छोटे-छोटे बादल बनाए, जिन्हें वह हवा में उड़ा देता, और फिर वे रंग-बिरंगे फूलों में बदल जाते। बच्चों को यह देखकर बहुत मज़ा आया।(मजेदार भूत की कहानी)

फिर पप्पू ने और भी दिलचस्प खेल शुरू किए। उसने एक बड़े से पेड़ को अपने जादू से गुब्बारों में बदल दिया। इन गुब्बारों के अंदर से तरह-तरह की मिठाइयाँ और खिलौने निकल रहे थे। बच्चों के चेहरों पर हंसी लौटने लगी। धीरे-धीरे, जो बच्चे पहले डर के कारण पार्टी से दूर भाग रहे थे, वे भी इस अनोखी पार्टी में शामिल होने लगे।

पप्पू की चुलबुली हरकतें और जादुई खेल अब बच्चों को डराने के बजाय हंसाने लगे थे। बच्चों ने पप्पू के साथ मिलकर खूब मजेदार खेल खेले। पप्पू ने बच्चों को दौड़ते हुए गायब हो जाना सिखाया, फिर अचानक से एक जगह प्रकट होने का मजेदार खेल भी कराया। उसने हवा में तैरते हुए उन्हें बुलबुलों के अंदर घुमा दिया, जिससे बच्चे खूब हंसे।

अब धीरे-धीरे बच्चों का डर बिल्कुल खत्म हो गया। अब पप्पू का भूतिया रूप बच्चों के लिए मजेदार और दिलचस्प बन गया था।वे उसे एक मजाकिया और हंसमुख भूत के रूप में देखने लगे थे। पप्पू भी बच्चों की हंसी सुनकर खुश हो रहा था। उसकी पूरी कोशिश यही थी कि बच्चे उसका साथ पसंद करें और उसे अपना दोस्त मानें। और अब वह उसमें सफल हो रहा था।(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार-भूत-की-कहानी-Horror-story

बच्चों ने पप्पू के साथ मिलकर इतने मजेदार खेल खेले कि उन्हें अपने पुराने डर और रात की चिंता बिल्कुल याद नहीं रही। अब वे उसे केवल एक भूत नहीं, बल्कि एक सच्चा और मजेदार दोस्त मानने लगे थे। पप्पू के साथ उनकी दोस्ती अब इतनी गहरी हो चुकी थी कि बच्चे हर दिन उसके साथ मिलकर खेलना और मस्ती करना चाहते थे।(मजेदार भूत की कहानी)

पप्पू ने जब देखा कि बच्चे अब उससे डरते नहीं, बल्कि उसके साथ मजे करते हैं, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह अब गाँव के बच्चों के साथ एक अच्छा रिश्ता बना चुका था। बच्चे हर शाम पप्पू के साथ खेलने और हंसी-मज़ाक करने के लिए बेसब्री से इंतजार करते थे। वे अब उसे डराने वाला भूत नहीं, बल्कि एक मजेदार साथी मानते थे।

पप्पू ने बच्चों को यह भी सिखाया कि हर भूत बुरा नहीं होता। उसका खुद का उदाहरण उनके सामने था। उसने अपने चुलबुले अंदाज और मजेदार हरकतों से बच्चों का विश्वास जीता और उन्हें सिखाया कि हर चीज को उसके बाहरी रूप से नहीं आंकना चाहिए।

अब गाँव का माहौल भी बदल गया था। जहाँ पहले लोग रात के समय डर के कारण बाहर निकलने से कतराते थे, वहीं अब बच्चों की हंसी-ठिठोली से गाँव का हर कोना गूंजने लगा था। पप्पू की मौजूदगी अब एक डरावने भूत की नहीं, बल्कि एक खुशमिजाज दोस्त की हो गई थी।(मजेदार भूत की कहानी)

मजेदार भूत की कहानी का अंत और संदेश

कुछ ही समय में, पप्पू गाँव का सबसे प्रिय दोस्त बन गया। बच्चे और बड़े सभी उससे मिलकर खुश होते थे। गाँव का वातावरण अब पहले जैसा डरावना नहीं रहा। वहाँ अब डर की जगह हंसी और खुशी का माहौल था। पप्पू ने अपने मजाकिया अंदाज से सभी को यह सिखाया कि डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है उसे समझना और उसका सामना करना।

पप्पू की यह अनोखी यात्रा एक संदेश के साथ समाप्त होती है:

मजेदार भूत की कहानी से सीख:

किसी भी चीज़ से डरना उसका समाधान नहीं होता। जब हम डर का सामना करते हैं और उसे समझने की कोशिश करते हैं, तो वही डर हमारा दोस्त बन सकता है। इस कहानी का मुख्य संदेश यही है कि हर किसी को बाहरी रूप से नहीं आंकना चाहिए। चाहे कोई चीज़ या इंसान हमें पहले डरावनी लगे, लेकिन जब हम उसे समझने की कोशिश करते हैं, तो हमें उसकी सच्चाई का पता चलता है।

थैंक्यू दोस्तो स्टोरी को पूरा पढ़ने के लिए आप कमेंट में जरूर बताएं कि "मजेदार भूत की कहानी" | Majedar Bhoot ki kahaniHorror Story in hindi | हिंदी कहानी कैसी लगी |

More Stories

Get Free Pdfs related SSC CGL  previous year question paper , pratiyogita darpan pdf , ssc chsl previous year paper , ssc gd previous year question paper ,  ssc gd previous year question paper , ssc previous year question paper

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top